
नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) की साइबर पुलिस (Cyber Police) ने भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) सैन्य संघर्ष के बारे में फर्जी खबरों (Fake news) और गलत सूचना से जुड़े 5000 पोस्ट को सोशल मीडिया (Social media) मंच से हटा दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, सेना की गतिविधियों, रणनीतिक अभियानों या पड़ोसी देशों की जवाबी कार्रवाइयों के बारे में फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर पाई गईं। अधिकारी ने बताया कि साइबर अपराध का पता लगाने वाली एजेंसी ने सैन्य संघर्ष से संबंधित फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं के प्रसार को लेकर परामर्श भी जारी किया है।
सीनियर अधिकारी ने कहा कि ऐसी असत्यापित और भ्रामक सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। साथ हीं, संघर्ष को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए एजेंसी ने सोशल मीडिया और संचार मंचों से ऐसी झूठी खबरों को हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं। अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने सैन्य संघर्ष के बारे में फर्जी खबरें और गलत सूचना वाली लगभग 5,000 सोशल मीडिया पोस्ट हटा दी हैं।
गलत सूचना फैलाना कानून के तहत दंडनीय
अधिकारी ने कहा कि जानबूझकर या अनजाने में गलत सूचना फैलाना कानून के तहत दंडनीय अपराध है। महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने एक बयान में नागरिकों को सलाह दी है कि वे सूचना का इस्तेमाल और इसे साझा करते समय, विशेष रूप से राष्ट्रीय महत्व के मामलों के बारे में, संयम और विवेक का प्रयोग करें। इन दिनों पाकिस्तानी हैकर समूहों (जैसे- HOAX1337, नेशनल साइबर क्रू और पाकिस्तान साइबर फोर्स) ने भारतीय रक्षा और सरकारी वेबसाइटों पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले किए हैं। महाराष्ट्र साइबर पुलिस के अनुसार, 22 अप्रैल के बाद 10 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए, जिनमें मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज, मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन संस्थान और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइटें निशाना बनीं। इन हमलों में संवेदनशील डेटा, जैसे लॉगिन क्रेडेंशियल्स, चुराने की कोशिश की गई।
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