
मुंबई । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने अस्वस्थ होने से (Due to Ill Health) आज के सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए (Canceled all today’s Scheduled Programs) । उन्हें आज पुणे में कई कार्यक्रमों में शामिल होना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे इनमें शामिल नहीं हो पाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को फोन कर उनका हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। रविवार को पवार ने नाशिक में अपने भाषण में कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसके बाद उन्होंने नाशिक में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और पुणे आ गए। लेकिन रात में उपचार मिलने के बाद भी उन्हें कोई आराम नहीं मिला। इसलिए उन्होंने आज (सोमवार) के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। इसके बाद वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
बता दें इससे पहले रविवार को अजित पवार ने नागरिकों से अपील की थी कि वे ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के हालिया मामलों के मद्देनजर एहतियात के तौर पर अधपका चिकन खाने से बचें। उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बीमारी के मुर्गी पालन से जुड़ी चिंताओं को हल किया और स्पष्ट किया कि मुर्गियों को मारने की कोई जरूरत नहीं है। यह भी कहा था कि बीते दिनों खड़कवासला बांध क्षेत्र (पुणे) में जीबीएस प्रकोप की सूचना मिली थी। कुछ ने इसे पानी की अशुद्धता से जोड़ा, जबकि दूसरों ने अनुमान लगाया कि यह चिकन खाने की वजह से हुआ था।
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों में कमी आई है। अब तक 181 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 27 मामले संदिग्ध मिले हैं। वहीं, अब तक चार मरीजों की जीबीएस से मौत की पुष्टि हुई है और चार मरीजों की मौत का संदिग्ध कारण जीबीएस बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को बताया था, पुणे में 42 मरीज, पुणे महानगर पालिका में नए जोड़े गए गांवों में 94, पिंपरी चिंचवाड़ में 30, पुणे ग्रामीण में 32 और अन्य जिलों के 10 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई। इनमें से 131 को अब तक छुट्टी दे दी गई है, जबकि 42 आईसीयू में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं।
महाराष्ट्र में जीबीएस के मामलों को लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। बीते 12 फरवरी तक महाराष्ट्र में जीबीएस से पीड़ित मरीजों की संख्या 197 थी। बीते सप्ताह की तुलना में जीबीएस के मामलों में अब कमी दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि जीबीएस के प्रकोप के बीच 29 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था।
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