
लातूर। महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठाओं को आरक्षण (Reservation for Marathas) देने की मांग को लेकर शुरू हुए बड़े आंदोलन के बीच लातूर (Latur) से एक परेशान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 35 साल के शख्स ने नदी में छलांग लगाकर (Jumping River) आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक उसने यह कदम इस डर से उठाया कि हाल ही में फडनवीस सरकार की तरफ से जारी किए गए जीआर (गवर्नमेंट रिजोल्यूशन) का ओबीसी आरक्षण पर बुरा असर होगा। बता दें कि यह जीआर मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे की मांग पर जारी किया गया था।
पुलिस ने मृतक की पहचान वांगदरी गांव के भरत महादेव कराड के रूप में की है। जानकारी के मुताबिक वह ऑटो रिक्शा चलाता था। अधिकारियों ने बताया कि बीते बुधवार शाम उसने मंजरा नदी में छलांग लगाकर जान दे दी। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें कराड ने लिखा कि वह लंबे समय से ओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलनों में शामिल रहा, लेकिन सरकार ने यह जीआर जारी कर धोखा दिया है। नोट में उसने यह भी लिखा कि वह अपनी जान इसलिए दे रहा है ताकि उसकी कुर्बानी से उसके समाज को इंसाफ मिल सके।
पुलिस ने शुरू की जांच
परिवार वालों ने बताया कि कराड को डर था कि यह जीआर, जिसमें मराठा समाज को कुछ शर्तों पर कुनबी सर्टिफिकेट देने की बात है, ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देगा। बता दें कि कुनबी समाज किसानी से जुड़ा है और महाराष्ट्र में ओबीसी वर्ग का हिस्सा है। अब पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छगन भुजबल ने जताया दुख
इस बीच ओबीसी नेता छगन भुजबल ने इस घटना पर दुख जताया है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि वह शुक्रवार को महादेव कराड के परिवार से मिलने जाएंगे। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में ओबीसी समुदाय के लोगों से इस तरह के कदम न उठाने की अपील भी की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “ओबीसी आरक्षण से संबंधित वर्तमान घटनाक्रम सामान्य ओबीसी व्यक्तियों को बेचैन कर रहे हैं, यह सच है। लेकिन संविधान और कानून के माध्यम से न्याय अवश्य मिलेगा। हमें इसके लिए संघर्ष करना होगा। हम अपने संकल्प पर अडिग हैं। इसलिए मैं महाराष्ट्र के सभी ओबीसी भाइयों से विनम्रतापूर्वक अपील करता हूं कि ऐसे अतिवादी कदम ना उठाएं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved