
मुंबई. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ( Raj Thackeray) ने रविवार को मातोश्री पहुंचकर अपने भाई और शिवसेना यूबीटी (Shiv Sena UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे (Chief Uddhav Thackeray) से मुलाकात की है. यह मुलाकात उद्धव के जन्मदिन (birthday) के मौके पर की गई है, लेकिन इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. आखिरी बार करीब 6 साल पहले राज ठाकरे मातोश्री गए थे और उद्धव परिवार को अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी में आने का न्योता दिया था.
राज ठाकरे इससे पहले जब भी मातोश्री गए, तब कोई न कोई बेहद जरूरी वजह रही थी. लेकिन अब राज ठाकरे पहली बार स्वेच्छा से अपने भाई उद्धव ठाकरे को मातोश्री में जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे हैं. इस ‘भाईचारे’ को भविष्य में ठाकरे ब्रदर्स की एकजुटता का बड़ा संकेत माना जा रहा है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्धव को जन्मदिन पर बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, ‘शिवसेना अध्यक्ष और INDIA गठबंधन के साथी उद्धव ठाकरे जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई. आप स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, और महाराष्ट्र के लोगों के हितों और अधिकारों की लड़ाई हम साथ-साथ लड़ेंगे.’
20 साल पर एक मंच पर आए
इस महीने की शुरुआत में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साझा रैली की थी और 20 साल में पहली बार एक साथ मंच पर दिखे थे. दोनों नेताओं की ओर से संयुक्त रूप से मराठी विजय रैली आयोजित की गई. इस रैली में पहले राज ठाकरे ने कहा कि जो काम बाला साहेब ठाकरे या कोई और नहीं कर पाया, उसे देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया और हमें मंच पर ला दिया.
उद्धव ने इस दौरान कहा था कि हम साथ रहेंगे और इसीलिए साथ आए हैं. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन लोगों ने इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति शुरू की है. अब हम तुम्हें बाहर निकाल देंगे. उद्धव ने कहा कि हिंदुत्व पर किसी का एकाधिकार नहीं है. आपको हमें हिंदुत्व सिखाने की ज़रूरत नहीं है. फडणवीस ने कहा था कि वे गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. लेकिन अगर अपनी भाषा के लिए लड़ना गुंडागर्दी है, तो हां हम गुंडे हैं.
ठाकरे ब्रदर्स साथ लड़ेंगे चुनाव?
ठाकरे ब्रदर्स के बीच हाल के दिनों में बढ़ती गर्मजोशी को बड़े सियासी संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि था महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि दोनों भाई साथ मिलकर चुनाव लड़ें. इसके लिए उन्होंने एमवीए और INDIA ब्लॉक की जरूरत को भी दरकिनार किया और कहा कि यह दोनों ही गठबंधन अलग-अलग चुनाव के लिए बने थे और निकाय चुनाव में इनकी कोई जरूरत नहीं है. ऐसे में कयास लग रहे हैं कि राज और उद्धव साथ मिलकर बीएमसी का चुनाव लड़ सकते हैं.
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