img-fluid

Mahashivratri 2023: 700 साल बाद इस शिवरात्रि पर बना पंच महायोग

February 18, 2023

निंबाहेड़ा (Nimbahera)। समूचे भारत वर्ष में महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivratri festival) को शिव-पार्वती विवाह (Shiva-Parvati marriage) की तिथि के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि शिव-पार्वती का विवाह (Shiva-Parvati marriage) फाल्गुन (फरवरी-मार्च) मास में नहीं, बल्कि मार्गशीर्ष माह (नवंबर-दिसंबर) में हुआ था।

श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव पहली बार लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वैसे कुछ अन्य विद्वानों का मानना है कि शिवलिंग में शिव और पार्वती दोनों समाहित हैं, दोनों ही एक साथ पहली बार इस स्वरूप में प्रकट हुए थे, इस कारण महाशिवरात्रि को भी शिव-पार्वती विवाह की तिथि के रूप में मनाया जाता है।



शिवमहापुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार शिव-पार्वती के विवाह की तिथि मार्गशीर्ष माह (अगहन मास) के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। वहीं, ईशान संहिता में वर्णन है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इसी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। डॉ तिवारी ने बताया कि ईशान संहिता ग्रंथ में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मध्य रात्रि में भगवान शिव, लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी द्वारा की गई थी। इसलिए महाशिवरात्रि पर्व को भगवान शिव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है और शिवलिंग की पूजा की जाती है।

 

माघकृष्ण चतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि

शिवलिंगतयोद्रूत: कोटिसूर्यसमप्रभ॥ (ईशान संहिता)

शिव पुराण: शिव विवाह की तिथि मार्गशीर्ष में

 

शिवपुराण के 35 वें अध्याय में रूद्र संहिता के अनुसार महर्षि वसिष्ठ ने राजा हिमालय को भगवान शिव और पार्वती विवाह के लिए समझाते हुए विवाह का मुहूर्त मार्गशीर्ष माह में होना तय किया था। जिसके बारे में इस संहिता ग्रंथ के 58 से 61 वें श्लोक में बताया गया है।

 

 

शिवरात्रि पर विशेष संयोग

 

भारतीय पंचांग के अनुसार महीने के कृष्ण पक्ष की चौदस, जो शिवरात्रि का दिन है इस बार 18 फरवरी शनिवार को पंच महायोग में पड़ने से ये दिन सर्वाधिक शुभ संयोग वाला है। जिससे शिव पूजा का महत्व और बढ़ जाएगा। वस्तुतः 700 साल बाद ऐसा मौका आया है जब महाशिवरात्रि पर पंच महायोग बन रहा है। इसलिए आज पूजा-पाठ के अलावा खरीदी और नए कामों की शुरुआत भी शुभ रहेगी।

 

ज्योतिषाचार्य डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि शिवरात्रि पर केदार, शंख, शश, वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर पंच महायोग बना रहे हैं। पिछले 700 सालों में ऐसा संयोग नहीं बना। इस दिन तेरस और चौदस दोनों तिथियां है। ग्रंथों में ऐसे संयोग को शिव पूजा के लिए बहुत खास बताया है। इन ग्रह योग में नई शुरुआत और खरीदारी से लाभ मिलेगा। शनि प्रदोष में यह शिवरात्रि होने से शनि की ढैया साढ़ेसाती पनोती महादशा आदि से संबंधित कष्ट दूर होंगे।

 

Share:

  • प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित विजय कुमार किचलू का निधन

    Sat Feb 18 , 2023
    कोलकाता (Kolkata)। प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित विजय कुमार किचलू (Famous classical singer Pandit Vijay Kumar Kitchlew) का शुक्रवार शाम सांस लेने में तकलीफ के बाद एक अस्पताल में निधन हो गया। पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किचलू 93 वर्ष के थे। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved