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उज्जैन महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि की धूम, 44 घंटे लगातार दर्शन देंगे भोलेनाथ, लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

March 07, 2024

उज्जैन। सनातन धर्म परंपरा (Sanatan Dharma tradition) में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (World famous Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple of Ujjain) में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga temple is the only one among the twelve Jyotirlingas.) में ही शिव नवरात्रि उत्सवपूर्वक मनाई जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 29 फरवरी से प्रारंभ हो गया है। श्री महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के पट दर्शन के लिए लगभग 44 घंटे खुले रहेगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि 8 मार्च 2024 महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्म आरती के लिए श्री महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेंगे। भस्मारती उपरांत 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक होगा। शाम 4 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व शाम पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान महाशिवरात्रि पर्व पर भी गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। रात्रि में शाम 7 से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट शृंगार (सेहरा) के उपरांत आरती की जाएगी। रात्रि 11 बजे से संपूर्ण रात्रि 9 मार्च प्रात: 6 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन श्रृंगार चलेगा।


इसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जाएगा। उसके पश्चात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पांच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 शहद, 15 किलो घी) से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराया जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जाएगा। इसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खड़ा मूंग, तिल, मसूर, गेहूं, जौ, साल, खड़ा उड़द सम्मिलित रहेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का शृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा।

सोनी ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से शृंगारित किया जाएगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरूप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जाएगा। श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जाएगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किए जाएंगे। सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी और भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जाएगा। 9 मार्च को सायं पूजन, शृंगार, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होंगे। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान पट लगभग 44 घंटे खुले रहेंगे।

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