
मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में लंबे समय बाद एक मंच पर आए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Uddhav Thackeray and Raj Thackeray) की जोड़ी ने राज्य की सत्तारूढ़ महायुति सरकार (Mahayuti Government) को सकते में डाल दिया है। यह बयान दिया है शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने। उन्होंने रविवार को तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे समेत महायुति के नेता इस नए राजनीतिक समीकरण से पूरी तरह घबराए हुए हैं।
संजय राउत ने मुंबई के वर्ली में आयोजित ‘आवाज मराठिचा’ रैली के बाद कहा, “राज और उद्धव के एक साथ आने से फडणवीस और शिंदे जैसे नेता सकते में हैं। ये लोग अब खुद रोने का कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि फडणवीस का उद्धव ठाकरे के भाषण को ‘रुदाली’ बताना हास्यास्पद है, और यह उनकी हताशा दिखाता है।
दो दशक बाद एक मंच पर उद्धव और राज
इस ऐतिहासिक रैली में दोनों ठाकरे बंधु पहली बार दो दशक बाद एक साथ मंच पर दिखे। रैली का आयोजन भाजपा सरकार द्वारा स्कूलों में हिंदी थोपने वाले दो सरकारी आदेश वापस लेने के फैसले की जीत के रूप में किया गया था।
उद्धव बोले- हम साथ रहने के लिए आए हैं
उद्धव ठाकरे ने मंच से कहा, “हम सिर्फ इकट्ठा नहीं हुए हैं, बल्कि साथ रहने के लिए आए हैं। मुंबई महानगरपालिका और महाराष्ट्र में हम मिलकर सत्ता हासिल करेंगे।” उद्धव के बयान से स्पष्ट संकेत है कि उद्धव की शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच राजनीतिक गठबंधन हो सकता है।
राउत ने कहा कि यह सिर्फ मराठी भाषा की लड़ाई नहीं थी, बल्कि “हिंदी थोपने के खिलाफ महाराष्ट्र की जीत है।” उन्होंने बताया कि इस रैली के बाद दक्षिण भारत के कई नेताओं, खासकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी केंद्र के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की बात कही है।
गौरतलब है कि मुंबई नगर निगम चुनाव समेत राज्य के अन्य नगर निकाय चुनाव आने वाले महीनों में संभावित हैं। ऐसे में ठाकरे भाइयों की एकता महायुति के लिए बड़ी चुनावी चुनौती बन सकती है। यूबीटी के लिए बीएमसी हमेशा से गढ़ रही है और अब राज ठाकरे के साथ गठजोड़ उसकी ताकत को और बढ़ा सकता है।
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