
डेस्क: तृणमूल कांग्रेस (Congress) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने बिहार चुनाव (Bihar Election) के 4 महीने पहले होने वाले मतदाता सूची (Voter List) के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) के आदेश को लेकर विरोध जताया. उन्होंने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में मोइत्रा ने कहा कि संविधान के प्रावधानों को तोड़ते हुए बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जा रहा है और मैं इस आदेश को रद्द करने की मांग करती हूं.
संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत मोइत्रा ने कोर्ट में याचिका दायर की. बिहार में मतदाता सूचियों की एसआईआर संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए), 21, 325, 328 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाताओं के पंजीकरण (आरईआर) नियम, 1960 के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है, इसलिए उन्होंने इस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. मोइत्रा का कहना है कि इससे बिहार के मतदाताओं का हक छिन जाएगा. साथ ही लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कमजोर पड़ जाएगा.
महुआ मोइत्रा ने इस याचिका में अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों की एसआईआर के लिए इसी तरह के आदेश जारी करने से रोकने का निर्देश देने की भी मांग की. मोइत्रा की वकील अधिवक्ता नेहा राठी ने कोर्ट में याचिका दायर की. इस याचिका में कहा गया है कि एसआईआर आदेश में माता-पिता या दोनों की नागरिकता के प्रमाण सहित नागरिकता के दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. ऐसा ना करने पर उन्हें मतदाता लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा.
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