
बैतूल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले (Betul district) में बिना योग्यता और पंजीयन के इलाज का धंधा चलाने वालों पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मनोज हुरमाडे (Dr. Manoj Hurmade) ने बताया कि घोड़ाडोंगरी और आमला तहसील में दो झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापेमारी कर उन्हें सील किया गया है। इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां, इंजेक्शन और उपचार उपकरण जब्त किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, खेड़ीसावलीगढ़, भीमपुर, चिचोली सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं, जहां अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शनिवार को आमला तहसील के ग्राम जम्बाडा में झोलाछाप डॉ. धनराज चंदेल के क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा। टीम में डीएचओ डॉ. राजेश परिहार, बीएमओ डॉ. अशोक नरवरे और डीसीएम कमलेश मसीह शामिल थे। जांच में पाया गया कि आरोपी बिना किसी मेडिकल डिग्री के अवैध रूप से क्लीनिक चला रहा था। टीम ने दवाइयां जब्त कर क्लीनिक को सील किया। यह कार्रवाई बिना वैध अनुमति के चिकित्सा संचालन की शिकायतों के आधार पर की गई।
इसी तरह सीएमएचओ डॉ. हुरमाडे के निर्देश पर गठित दूसरी टीम ने घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम चिखलपाटी में छापा मारा। वहां रघुनाथ फौजदार अपने घर से एलोपैथिक क्लीनिक चला रहे थे। निरीक्षण के दौरान एलोपैथिक दवाएं, खुले इंजेक्शन, सिरप, टैबलेट, स्टेथोस्कोप, बीपी मशीन और नेबुलाइजर जैसे उपकरण बरामद हुए। योग्यता से संबंधित दस्तावेज न प्रस्तुत करने पर टीम ने पंचनामा बनाकर औषधियां और बायोमेडिकल वेस्ट जब्त कर क्लीनिक सील किया। जिसमें अर्बन नोडल अधिकारी डॉ. रत्नेश खाड़े, सीबीएमओ शाहपुर, ड्रग इंस्पेक्टर संजीव जादौन और एपीएम प्रकाश माकोडे शामिल थे।
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