
उज्जैन। स्वच्छता में नम्बर वन क्लीन सिटी इंदौर शहर में मलेरिया बुखार दम तोड़ता ही नहीं, बल्कि आखिरी सांसे गिनता नजर आ रहा है। यह बात पिछले 5 साल में मलेरिया मरीज के आंकड़े सही साबित करते नजर आ रहे हैं। साल 2021 से लेकर इस साल 2025 में अब तक मलेरिया बुखार 32 मरीज मिले।
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार साल 2021 में कोरोना काल के समय मलेरिया बुखार के 5 मरीज सामने आए थे। इस तरह पिछले 5 सालों में मतलब साल 2021 से लेकर इस साल 2025 तक मलेरिया बुखार के 32 मगर फिलहाल पांच सालों में सिर्फ 50 मरीज ही सामने आये हैं। इस मामले में मलेरिया अधिकारी का कहना है कि मलेरिया बुखार के इस साल 5 मरीज ही सामने आए हैं। मलेरिया की रोकथाम के लिए शासन मलेरिया विभाग को एक साल छोड़कर हर दूसरे साल में मच्छरदानी देता है। जांच के लिए रैपिड किट देता है, जिससे 15 मिनट में ही पता चल जाता है कि मलेरिया है कि नहीं। शासन से मलेरिया विभाग को जो मच्छरदानी मिलती है, वह इसे पिछड़े इलाके के गांवों अथवा आदिवासी होस्टल में बांटता है। इस साल हजारों लोगों को देने के लिए मच्छरदानी मलेरिया विभाग को मिली। इन्हें गर्मियों के मौसम में मानपुर इलाके में वितरित किया जाएगा। मच्छरदानी वितरण के अलावा रैपिड किट से सन्दिग्ध मरीजों की जांच की जाती है। यदि मरीज मलेरिया बुखार की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसके घर पहुंचकर टीम सभी परिजनों सहित आसपास के रहवासियों की जांच करने के अलावा दवाई का छिड़काव करती है।
पिछले 5 साल के मलेरिया पीडितों के आंकड़े
साल मरीज
2021 – 5
2022 – 0
2023 – 0
2024 – 22
2025 – 5
कुल – 32