
नई दिल्ली (New Delhi) । पर्यटन (Tourism) के साथ-साथ मालदीव (maldives) भारत (India) पर लगभग हर क्षेत्र में आश्रित है। इसे वर्ष 1966 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली, भारत पहला देश था, जिसने मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता दी। तभी से सैन्य, रणनीतिक, आर्थिक, औद्योगिक, चिकित्सकीय और सांस्कृतिक जरूरतों के लिए मालदीव हम पर आश्रित रहा है।
1976 में सामुद्रिक संधि के तहत भारत-मालदीव ने अपने सामुद्रिक सीमा क्षेत्र तय किए। दोनों ही सार्क के संस्थापक सदस्य भी हैं। 1981 में दोनों ने मुक्त व्यापार समझौता किया गया। वहीं सबसे अहम योगदान सैन्य सहयोग का रहा। इसमें नवंबर 1988 का ऑपरेशन कैक्टस प्रमुख स्थान रखता है जब श्रीलंका के पीपल्स लिबरेशन संगठन और मालदीव के विद्रोहियों ने 80 सशस्त्र लोगों के साथ मालदीव का तख्ता पलट करना चाहा। वे माले पर कब्जा करने में सफल रहे। तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल गयूम ने पाकिस्तान, सिंगापुर और श्रीलंका से मदद मांगी, लेकिन सभी ने मदद देने से इनकार कर दिया।
अमेरिका मदद देने को राजी था, लेकिन इसमें 2 से 3 दिन लग सकते थे। अंतत: उन्हें मित्र भारत ही नजर आया, जिससे मांगी गई मदद का तुरंत जवाब मिला। भारत ने 16 घंटे के भीतर 500 सैनिकों के साथ ऑपरेशन कैक्टस शुरू कर दिया। इस ऑपरेशन में कुछ घंटे लगे, माले को वापस कब्जे में लिया गया। इस ऑपरेशन में भारत के कुछ सैनिकों ने बलिदान भी दिया।
ये मदद भी की
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