
नई दिल्ली. विपक्षी INDIA गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जज बी सुदर्शन रेड्डी (B Sudarshan Reddy) को उपराष्ट्रपति (vice-presidential) चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके नाम का ऐलान किया. कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि गठबंधन ने सर्वसम्मति से उनका नाम तय किया है. उनका मुकाबला एनडीए गठबंधन के सीपी राधाकृष्णन से होगा. दोनों उम्मीदवार 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
इंडिया गठबंधन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया. कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि सभी पार्टियों ने सहमति से उनके नाम को फाइनल किया है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बताया कि आम आदमी पार्टी भी सुदर्शन रेड्डी के नाम से सहमत है.
सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को दक्षिण भारत के दलों को ध्यान में रखकर अपना उम्मीदवार बनाया है, उसी तरह अब पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी का नाम आने के बाद टीडीपी, वाईआरएससीपी और बीआरएस जैसी पार्टियों को भी दोबारा सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि वे किसका समर्थन करें.
डीएमके, टीएमसी… सभी की मांग पूरी हुई
विपक्ष का कहना है, “वो (एनडीए) संघ से जुड़े व्यक्ति को लाए हैं, हम सुप्रीम कोर्ट से आए व्यक्ति को सामने ला रहे हैं.” यह नाम विपक्ष की तमाम शर्तों पर खरा उतरता है – दक्षिण भारत से उम्मीदवार जिसे डीएमके चाहती थी, और राजनीति से बाहर का चेहरा जिसकी मांग टीएमसी ने उठाई थी. टीएमसी का कहना था कि ऐसे शख्स को उम्मीदवार बनाया जाए जो नॉन-पॉलिटिकल हों. वहीं डीएमके चीफ और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने तमिलनाडु से किसी चेहरे को उम्मीदवार बनाने की मांग की थी.
INDIA गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?
बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था. वे भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं. सुदर्शन रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक कृषि परिवार में हुआ. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से 1971 में लॉ पास किया.
अपने करियर की शुरुआत रेड्डी ने सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस से की और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट के. प्रताप रेड्डी के साथ काम किया. इसके बाद 8 अगस्त 1988 को उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त किया गया और वे केंद्र सरकार के एडिशनल स्टैंडिंग काउंसल बने.
गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे सुदर्शन रेड्डी
1993 में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए और उस्मानिया यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर भी रहे. न्यायिक करियर में आगे बढ़ते हुए रेड्डी 2 मई 1993 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त किए गए. इसके बाद 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने.
सुदर्शन रेड्डी को 12 जनवरी 2007 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया और वे 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए. रिटायरमेंट के बाद मार्च 2013 में उन्होंने गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला, हालांकि अक्टूबर 2013 में उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफ़ा दे दिया था.
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