
नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस(Trinamool Congress) और कांग्रेस(Congress) के नेताओं के बीच रविवार को जुबानी जंग(war of the Worlds) देखने को मिली। दरअसल, बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में ममता बनर्जी की पार्टी का प्रतिनिधित्व करने लिए टीएमसी ने प्रतिनिधिमंडल भेज रही है। इसे लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि यात्रा में खुद शामिल होने के बजाय उन्होंने अपने दो नेताओं को भेजा है। कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘ममता ने बिहार दौरा इसलिए नहीं किया क्योंकि राहुल गांधी की तुलना में वह फीका नहीं पड़ना चाहती हैं।’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हिंदू, मुस्लिम और दलित को भी वोट देने का अधिकार है। राहुल गांधी हर एक व्यक्ति के वोट देने के अधिकार की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं। जब मोदी इस अधिकार को छीन लेना चाहते हैं, जब देश के सभी विपक्षी नेता लड़ने के लिए वहां पर मौजूद हैं तब बंगाल की मुख्यमंत्री नहीं जाना चाहती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी की तुलना में वह फीकी पड़ जाएंगी। यही कारण है कि वह नहीं जाएंगी।’ मालूम हो कि 1 सितंबर को बिहार में वोट अधिकार यात्रा के अंतिम पड़ाव में यूसुफ पठान और ललितेश त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस की ओर से शामिल होंगे।
कांग्रेस नेता के बयान पर टीएमसी की प्रतिक्रिया
अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘यह हमारा फैसला है कि बिहार कार्यक्रम में पार्टी का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, जिसे पहले से ही ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का समर्थन हासिल है। इसलिए वे अपने दो नेताओं को प्रतिनिधि के रूप में भेज रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी को दुख हो रहा है क्योंकि बहरामपुर सांसद यूसुफ पठान इस प्रतिनिधिमंडल में हैं। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी को हराया था।’ इस मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 17 अगस्त को शुरू किया था। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) के जरिए लोगों के मतदान के अधिकार पर हमले का आरोप लगाया। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस भी एसआईआर का विरोध कर रही है। ममता बनर्जी की पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह बंगाल में एसआईआर को हर कीमत पर रोक देगी।
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