
कोलकाता। दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म (Durgapur Gang Rape) मामले में पश्चिम बंगाल (West Bengal) का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है और राज्य की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार सभी के निशाने पर है। विपक्षी पार्टी भाजपा (BJP) ने इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और पीड़ित पक्ष की बजाय अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ‘तृणमूल हटाओ, बेटी बचाओ, यह बंगाल में हर जगह मुख्य नारा है। तृणमूल को जाना चाहिए, उन्होंने पीड़ित परिवार का सहयोग नहीं किया, अब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं सौंपी। वे नेता प्रतिपक्ष को डॉक्टर से बात नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने ओडिशा से आ रहे महिला आयोग को रोक दिया। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सुबह 8 बजे मुझे फोन किया और कहा कि हम दबाव में हैं, आखिर किसका दबाव? ममता बनर्जी का दबाव, ममता की पुलिस का दबाव या ममता के गुंडों का दबाव।’
दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म मामले पर सीएम ममता बनर्जी के बयान के एक बयान की खूब आलोचना हो रही है। उस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, ‘ममता बनर्जी का बयान पीड़ादायक, दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय, ममता सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। संदेशखली हो, आरजी कर हो या अब दुर्गापुर…। एनसीआरबी के आंकड़ों ने साबित कर दिया है कि बंगाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य है।’
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने ममता बनर्जी के बयान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुष्कर्म को सही ठहरा रही हैं। वे कह रही हैं कि महिलाओं को देर रात बाहर न जाएं। बंगाल की टीएमसी सरकार पिछड़ी सोच का पर्याय बन गई है।’ उन्होंने कहा कि ‘मैं ममता बनर्जी से पूछना चाहती हूं, वो ‘मां, माटी, मानुष’ के नारे लगाती हैं। लेकिन आपकी संवेदनहीनता, कुशासन और पिछड़ी मानसिकता के कारण आज बंगाल में ‘मां’ शर्मिंदा है, ‘माटी’ लहूलुहान है और ‘मानुष’ बदहाल है। मैं ममता बनर्जी सरकार और खुद मुख्यमंत्री से आग्रह करती हूं कि दुष्कर्म को जायज ठहराना बंद करें और पीड़िता को न्याय दिलाएं।’
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