
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कोलकाता (Kolkata) की रैली में बीजेपी (BJP), चुनाव आयोग (Election Commission) और वामपंथी दलों पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है। जबकि उसका अधिकार क्षेत्र केवल चुनाव के दौरान तीन महीने का है। ममता ने कहा कि अगर कोई सर्वे करने आए तो कोई जानकारी न दें। अपना आधार कार्ड तैयार रखें।
टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मतदाताओं के नाम काटने के लिए सर्वेक्षण करने हेतु अन्य राज्यों से 500 से ज़्यादा टीमें बंगाल भेजी हैं। जब तक मैं ज़िंदा हूं, किसी को भी लोगों का मताधिकार नहीं छीनने दूंगी। उन्होंने दावा किया कि माकपा ने भाजपा से हाथ मिला लिया है। केरल में उसकी सरकार नेताजी को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि लोग स्वतंत्रता संग्राम में बंगालियों की भूमिका को भूल जाएं। भाजपा द्वारा बंगालियों पर फैलाए जा रहे ‘भाषाई आतंक’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बंगाल की सीएम ने कहा कि कुछ लोग मुक़दमे दायर करके दाखिले और नतीजे रोक देते हैं और फिर हमें दोषी ठहराते हैं। वे राजनीतिक अखाड़े में हमसे लड़ नहीं सकते। वे पिछले दरवाज़े से लड़कर भर्तियां रोकते हैं। बर्धमान विश्वविद्यालय के कुलपति ने शोधकर्ताओं के लिए धनराशि रोक दी है। मुझे पता चला है कि उन्हें राज्यपाल ने नियुक्त किया था। जब मुझे पता चला तो मैंने अनुदान फिर से शुरू कर दिया।
ममता बनर्जी ने कहा कि 92,000 छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिले हैं। मैं मेरिट स्कॉलरशिप के लिए 17% का भुगतान करती हूं, सामान्य स्कॉलरशिप के लिए अलग से भुगतान करती हूं। अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप के लिए 4 करोड़ 56 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी गई है। हम अभी भी शोधकर्ताओं को यूजीसी का अनुदान दे रहे हैं, जिसे केंद्र सरकार ने रोक दिया है। 36 लाख 55 हज़ार छात्रों को विवेकानंद मेरिट स्कॉलरशिप दी गई है।
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