
उदयपुर: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का उदयपुर से पकड़ा गया गुर्गा हिस्ट्रीशीटर (History-Sheeter) मनोज साल्वी (Manoj Salvi) उर्फ चक्की बेहद कम उम्र में गुनाहों का देवता (God of Crimes) बन गया. वह लॉरेंस की तरह डॉन (Don) बनना चाहता था. महज 21 साल की उम्र के मनोज साल्वी के खिलाफ अब तक 11 केस दर्ज हो चुके हैं. लॉरेंस गैंग के हथियार सप्लायर (Arms Supplier) के तौर पर पहचाना जाने वाले मनोज राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह (Sukhdev Singh) गोगामेड़ी हत्याकांड में आरोपी रहा है. उस पर गोगामेड़ी के हत्या के आरोपियों को छिपाने का आरोप है. गोगामेड़ी मर्डर केस मनोज करीब डेढ़ साल जेल में भी रह चुका है. मनोज साल्वी की क्राइम हिस्ट्री (Crime History) बेहद चौंकाने वाली है.
पुलिस के अनुसार मनोज साल्वी को गुजरात एटीएस ने हाल ही में उदयपुर से पकड़ा है. मूलतया उदयपुर का रहने वाला मनोज छोटी से उम्र में ही खूंखार क्रिमीनल बन गया. क्राइम ब्रांच ने उसे उदयपुर के हिरण मगरी के सेक्टर 14 से पकड़ा है. मनोज पुरानी उदयपुर सिटी इलाके का रहने वाला है. लेकिन बाद में वह वहां से उदयपुर के बाहरी इलाके में स्थित हिरण मगरी में सैटल हो गया. मनोज लॉरेंस गैंग के लिए हथियारों की सप्लाई करता था.
मनोज का लॉरेंस के भाई से वीडियो कॉल पर संपर्क था. वह 17 साल की उम्र से ही डॉन बनने का सपना देखने लग गया था. इस चाहत के चलते वह बालिग होने से पहले ही वह लॉरेंस के संपर्क वाले अपराधियों के टच में आ गया. बाद में वह लॉरेंस गैंग का हथियार सप्लायर बन गया. लॉरेंस गैंग के संपर्क में आने के बाद उसे कई बार हथियार सप्लाई के काम सौंपे गए. गुजरात एटीएस में मनोज के खिलाफ पहले भी हथियार सप्लाई की शिकायतें मिली थी.
गुजरात एटीएस पिछले 3 साल से उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी. लेकिन वह उसके हाथ नहीं आ रहा था. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मनोज के खिलाफ गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में 11 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें डकैती, अवैध हथियार रखने और हत्या के आरोप शामिल हैं. मनोज के खिलाफ उदयपुर के नाई, सुखेर, हिरण मगरी, हाथी पोल और धान मंडी के अलावा दिल्ली के समयपुर बादली और बांदीपुर तथा जयपुर के हरमाड़ा में भी केस दर्ज हैं.
एटीएस के अधिकारियों का मानना है कि मनोज साल्वी की गिरफ्तारी से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के हथियार सप्लाई नेटवर्क और संचालन को तोड़ने में मदद मिलेगी. मनोज साल्वी का पकड़ा जाना हाई-प्रोफाइल कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और अवैध हथियारों के व्यापार से जुड़े अंतर-राज्यीय आपराधिक नेटवर्क पर बड़ी चोट है. गुजरात पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक मनोज साल्वी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. इसमें जबरन वसूली, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और हथियारों की तस्करी शामिल है.
मनोज को अब 14 दिसंबर, 2022 के केस में पकड़ा गया है. गुजरात एटीएस ने पूर्व में अहमदाबाद के पंचवटी सर्किल में शिवालिक कॉम्प्लेक्स के पास रूपलाल साल्वी को गिरफ्तार किया था. रूपलाल को एक देसी पिस्तौल और एक जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया था. पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि हथियार मनोज साल्वी ने मुहैया कराया था. इसके आधार पर गुजरात के एलिसब्रिज पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट और गुजरात पुलिस एक्ट की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
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