
कोलकाता। कोलकाता के होटल में आग लगने की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस अग्निकांड में मरने वालों की संख्या अधिक नहीं होती अगर राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाती। उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देरी से पहुंची इसलिए भी मृतकों का आंकड़ा बढ़ गया।
मंगलवार रात कोलकाता के मध्यवर्ती बड़ाबाजार इलाके में होटल ‘ऋतुराज’ में लगी भीषण आग लग गई थी। इस अग्निकांड में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए। यह हादसा रात 8 बजकर 10 मिनट पर हुआ। उस वक्त होटल के 42 कमरों में 88 मेहमान ठहरे हुए थे। दमकल की 10 गाड़ियों ने करीब 10 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि होटल स्थानीय जोरासांको थाने के काफी नजदीक है। उन्होंने आरोप लगाया कि फायर ब्रिगेड ने घटनास्थल पर पहुंचने में देरी की। अधिकारी ने बड़ा बाजार के मछुआपट्टी में घटनास्थल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर बचाव और राहत कार्य तेजी से किया गया होता तो मौत का आंकड़ा इतना अधिक नहीं होता।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘चूंकि पूरी सरकार दीघा में थी, इसलिए होटल में ठहरे अन्य राज्यों के लोगों और अन्य प्रभावित लोगों को ‘हेल्पलाइन’ जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाएं प्रदान नहीं की गईं।’’
उन्होंने बुधवार को जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करने के लिए पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यात्रा की ओर इशारा किया। अधिकारी ने दावा किया कि पार्षद सजल घोष और विजय ओझा सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पीड़ितों के रिश्तेदारों को सहायता प्रदान की। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर सार्वजनिक रूप से तभी प्रतिक्रिया दी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और मृतकों एवं घायलों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की। ममता बनर्जी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर कहा था कि उन्होंने ‘‘पूरी रात बचाव और अग्निशमन अभियान’’ की निगरानी की।
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