
मुरैना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना जिले (Morena district) में एक विवाहित महिला (Married woman.) को कथित तौर पर 20 दिन (20 days) तक बंधक बनाकर गैंगरेप करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर नामजद दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, आरोप है कि मुरैना जिले (Morena district) के सुमावली थाना क्षेत्र (Sumawali police station area) के रुअर मैना बसई गांव (Ruar Maina Basai village.) के एक युवक मोहन गुर्जर ने गांव की एक महिला पहले दोस्ती की। इसके बाद करीब एक महीने तक उन दोनों के बीच बातचीत होती रही। इस बीच युवक ने महिला को फोन कर गांव से दूर एक पहाड़ के पास मिलने बुलाया। पीड़ित महिला जब वहां पहुंची तो मोहन गुर्जर अपने दोस्त राहुल गुर्जर के साथ उसे जबर्दस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाकर मुरैना के अंतो बाई रोड गणेशपुरा किराये के कमरे में ले गया और बंधक बनाकर रखा। वहां उन दोनों युवकों ने 20 दिन तक महिला के साथ गैंगरेप किया।
पीड़ित महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बताया कि दोनों युवक जबर्दस्ती मुझे बाइक पर बिठाकर मुरैना लेकर आए और कमरे बंद कर मेरे साथ गलत काम करते थे। वो जब कहीं जाते तो मुझे कमरे में छोड़ बाहर से ताला बंद करके जाते थे। एक दिन वो दोनों युवक मकान मालिक के पास दोनों गए थे, उसी समय मौका मिलते ही मैं भागकर अपनी ससुराल आई और अपने पति को सारी घटना सुनाई। इसके बाद मैं पति के साथ सुमवाली थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर आरोपियों तलाश शुरू कर दी है और पीड़ित महिला को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया है।
पीड़िता महिला ने बताया जब वन स्टॉप सेंटर पर उसका पति और महिला का भाई मिलने आए तो वन स्टॉप सेंटर प्रभारी अपूर्वा चौधरी पर धमकाने और मिलने नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए हैं।वन स्टॉप सेंटर प्रभारी पर पहले भी इस प्रकार के आरोप लगते रहें हैं। पीड़िता के पति और भाई ने बताया कि हम सब जब वन स्टॉप सेंटर पर पहुंचे और महिला से मिलने की गुहार लगाई तो मैडम ने हमारे मोबाइल फोन छीन लिए और हम को हमारी बहन बेचने के आरोप लगाकर हम से अभद्र भाषा में बात की। इसके बाद उन्होंने हमें पुलिस बुलाकर थाने में बंद कराने की धमकी देकर बाहर निकाल दिया। हम लोग पांच घंटे तक वहां खड़े होकर मिलने की फरियाद करते रहे, लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई।
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