
नई दिल्ली । उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम(Badrinath Dham in Uttarakhand) के पास माणा गांव में शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे पहाड़ी से जबरदस्त हिमस्खलन(massive avalanche from mountain) हुआ। इससे सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) के कैंप के आसपास भगदड़ मच(there was a stampede) गई। वहां रह रहे कुल 55 मजदूरों में से 33 को सेना और आईटीबीपी ने रेस्क्यू कर लिया। 22 मजदूर अब भी लापता हैं। रेस्क्यू के काम में लगातार हो रही बर्फबारी से खलल पड़ा। हिमपात के कारण सड़क बंद होने से प्रशासन की टीमें वहां नहीं पहुंच सकीं।
यह हादसा बदरीनाथ से तीन किमी आगे और माणा गांव से एक किमी पहले माणा पास को जाने वाली बार्डर सड़क पर हुआ। यहां नर पर्वत के ऊपर से हिमस्खलन हुआ। जहां बर्फ गिरी वहां बीआरओ का श्रमिक कैंप है। इसमें बीआरओ की अधिकृत सड़क निर्माण कंपनी के 55 मजदूर मौजूद थे। हिमस्खलन की तेज आवाजें सुनकर शिविर में अफरा-तफरी मच गई। डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि आईटीबीपी और सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू करके 33 मजदूरों को माणा स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
एसडीआरएफ की टीम रास्ते में फंसी
पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि रेस्क्यू अभियान के लिए एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। दूसरी टीम को देहरादून में सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। बदरीनाथ में लामबगढ़ तक करीब 35 किमी सड़क बर्फ से पटी हुई है। सड़क बंद होने से जिला प्रशासन और एसडीआएफ की टीमें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। उन्होंने बताया कि सेना से संपर्क कर मार्ग को खोलने की कोशिश लगातार जारी है। मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को भी हेलीकॉप्टर के जरिये घटनास्थल के निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा।
बदरीनाथ में धुंध और बर्फबारी जारी
शुक्रवार देर शाम तक बदरीनाथ में मौसम बेहद खराब था। यहां पूरे वातारण में धुंध छाई हुई थी और बर्फबारी लगातार जारी थी। उत्तराखंड में मौसम ने 26 फरवरी की रात करवट बदली थी और तब से लगातार मौसम खराब बना हुआ है। प्रशासन के अनुसार क्षेत्र में दूरसंचार सेवाएं भी ठप हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय रख रहा नजर
चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि लापता श्रमिकों की खोजबीन जारी है। बचाव दल को 22 लोग सुरक्षित स्थान पर बैठे मिले। एनडीआरएफ की टीम यहां आ गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से भी लगातार बचाव अभियान की जानकारी ली जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी आज जा सकते हैं माणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने माणा जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार हिमस्खलन की सूचना मिलने पर वे शुक्रवार को ही जाने के इच्छुक थे, लेकिन मौसम खराब होने से नहीं जा पाए। मौसम विभाग ने शनिवार को मौसम कुछ साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम ठीक रहा तो मुख्यमंत्री कल खुद माणा जाकर हालात का जायजा लेंगे।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री से ली घटना की जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर हिमस्खलन में फंसे लोगों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है।
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