
भोपाल। 18 जुलाई को सावन के पहले सोमवार पर मौना पंचमी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि सावन के कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि 18 जुलाई पर मौना पंचमी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौना पंचमी तिथि शिवजी के भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी है। इसे नाग मरुस्थले भी कहा जाता हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ के दक्षिणामूर्ति रूप की पूजा के साथ नाग देवता की आराधना करते हैं।
मान्यता हैं कि इस दिन मौन रहकर भोलेनाथ की आराधना करने से जातक की मानसिक शक्ति का विकास होता है और शारीरिक तौर पर ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है। मौन व्रत से व्यक्ति मानसिक रूप से धैर्य और संयम रखना सीख पाता है। शांत मन से मौना पंचमी पर शिव और नाग देवता की पूजा करने से काल का डर खत्म होता है। भगवान महादेव के बेहद ही प्रिय माह सावन में पडऩे वाली मौना पंचमी तिथि शिव साधकों के लिए बहुत अनुकूल मानी गई है। इस दिन व्रत की कुछ खास परंपराओं का निर्वहन किया जाता है।
चबाएं आम, नींबू और अनार के पत्ते
इस दिन आम, नींबू और अनार के पत्तों को चबाना चाहिए। कहा जाता है कि इन पत्तों को चबाने से स्वास्थ्य बना रहता है। इसके साथ यह पत्ते शरीर में मौजूद हानिकारक जहर यानी विष को बाहर निकालते हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved