
नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के लिए इस साल मई का महीना काफी मौसमी हलचल (Seasonal movements) से भरा रहा. एक के बाद एक कई सारी हलचलों ने मौसम को जरूरत से अधिक गर्म नहीं होने दिया तो बारिश (Rain) के साथ तेज हवाओं ने परेशानी भी बढ़ाई. आंधियों का दौर तो कुछ ऐसा चला कि जमीन से लेकर वायु यातायात तो प्रभावित हुआ ही, अलग अलग घटनाओं में दर्जनों जान भी गई. हर किसी के जेहन में अब यही सवाल है कि क्या आने वाले दिनों में भी भयंकर आंधी और बारिश देखने को मिलेगी या फिर अब राहत जारी रहेगी.
इस हफ्ते के आखिर में एक बार फिर मौसम का रुख बदलने वाला है. एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस अफगानिस्तान के आसपास देखा जा रहा है जो 29 मई से उत्तर पश्चिम भारत में फिर से अपना असर दिखाएगा. 25 मई की रात को ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मिलने वाली नमी के साथ खूब गदर काटा था. इसलिए दो दिन बाद जब नया सिस्टम आएगा तो उसे भी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने की पूरी संभावना है और राजस्थान के पास एक हीट लो बन रहा है जिसकी वजह से तेज आंधी आ रही है.
यह महीना पहले ही दिल्ली के इतिहास का सबसे ज्यादा बारिश वाला मई महीना बन चुका है. आने वाले दिनों में अगर और बारिश होती है तो यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा. फिलहाल ये सभी बारिश ‘मानसून पूर्व बारिश’ की श्रेणी में ही आती हैं. जून के महीने में मानसून जब दिल्ली में दस्तक देगा तो बारिश का असर और ज्यादा देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग ने वैसे भी इस बार देश भर में सामान्य से 6% अधिक बारिश की संभावना बताई है.
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