
इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के ‘नो कार डे’ की अपील को शहर की अधिकतर जनता ने एक सिरे से नकार दिया है। शहर की सडक़ों पर सुबह से कार की कतारें हैं। पलासिया से गीता भवन के बीच के ‘नो कार जोन’ का पालन दोपहर 2 बजे तक यातायात पुलिस करवाएगी। इस रूट पर जाने वाली कारों और तीन पहिया को डायवर्शन से गुजरना होगा।
इंदौर की जनता सडक़ों के गड्ढों और जलजमाव से परेशान है, वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव नो कार डे का कौतुक लेकर आए हैं, जिसे जनता ने पूरी तरह नकार दिया। हालांकि अपने ऐलान में फंसे महापौर पलासिया से राजबाड़ा तक साइकिल से आए, लेकिन इसके लिए उन्हें ज्यादा पैडल मारने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि उन्होंने बैटरी वाली साइकिल चलाई। यहां करीब 150 साइकिलिस्ट मौजूद थे। उनके साथ पैडल मारने वालों में नंदकिशोर पहाडिय़ा, अभिषेक शर्मा बबलू, कुलपति राकेश सिंघई भी थे।
सोशल मीडिया पर उड़ रहा मजाक
जैसे ही महापौर ने ‘नो कार डे’ की शहरवासियों से अपील की, शहर का एक धड़ा, जो व्यवस्थाओं, यातायात और सडक़ों की खस्ता हालत से परेशान है, उन्होंने सोशल मीडिया पर इस आदेश का मजाक बनाना शुरू कर दिया। भले ही ये स्वैच्छिक हो, लेकिन कई ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की, तो कई ने लिख दिया कि महापौरजी, शहर को ‘नो कार डे’ की बजाय ‘नो गड्ढा डे’ मनाने की जरूरत है। कई ने लिखा, ये सब करने की बजाय महापौर को शहर की सडक़ों की मरम्मत करवाने पर ध्यान देना चाहिए।
ट्रैफिक डीसीपी और अन्य अधिकारी भी चार पहिया में
महापौर ने नागरिकों से निवेदन किया था कि वे अपनी कार की बजाय सायकल, ई-रिक्शा, आई-बस, माय बाइक या किसी भी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें, लेकिन सबने इसे नकार दिया। यातायात के संबंधित जोन के एडिशनल डीसीपी भी अपने सरकारी चार पहिया वाहन से ही पहुंचे। अन्य अधिकारियों ने भी अपने सरकारी वाहन का सहारा लिया।
रात को छप्पन दुकान, तो सुबह बस से ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे निगम अफसर
महापौर के आह्वान की लाज रखने के लिए सुूबह निगम कमिश्नर ने सिटी बस से ट्रेंचिंग ग्राउंड, सिटी फारेस्ट और बिचौली हप्सी क्षेत्र का निरीक्षण किया। उनके साथ नगर निगम के अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अभय राजनगांवकर, मनोज पाठक, डीआर लोधी सहित कई अधिकारी थे। इससे पहले रात में वे 56 दुकान पर भी पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों और अधिकारियों से बिजली सोलर प्लान को लेकर चर्चा की और कहा कि इसको लेकर प्लान तैयार हो, ताकि बिजली की खपत में कमी आए, वहीं 56 दुकान पर कार्यरत समस्त स्टाफ के ड्रेसकोड, केप, हैंडल आदि के सिलसिले में भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा की।
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