पेरिस । फ्रांस (France) के कई शहरों के महापौर सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए अपने नगर निगम भवनों पर फिलिस्तीनी झंडा (Palestinian flag) लहराने की तैयारी कर रहे हैं। यह कदम संयुक्त राष्ट्र महासभा (Palestinian flag) में फ्रांस द्वारा फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक राज्य के रूप में मान्यता देने की प्रक्रिया के बीच उठाया जा रहा है। समाजवादी नेता ओलिवियर फॉर के आह्वान पर कई महापौर इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यूरोप में सबसे बड़ी यहूदी और मुस्लिम आबादी वाले इस देश में ऐसा करना सामाजिक तनाव को और बढ़ा सकता है।
मंत्रालय ने नगर निगम भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर फिलिस्तीनी झंडा लहराने से सख्ती से मना किया है, और ऐसे निर्णयों को प्रशासनिक अदालतों में चुनौती देने की सलाह दी है। दूसरी ओर, पेरिस के बाहरी इलाके सेंट-डेनिस के महापौर मैथ्यू हानोटिन ने फिलिस्तीनी जनता के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए झंडा लहराने का ऐलान किया है। इसी प्रकार, पश्चिमी फ्रांस के नांतेस शहर की महापौर जोहाना रोलैंड ने भी इस योजना की पुष्टि की है, इसे एक प्रतीकात्मक कदम बताते हुए कहा कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के ऐसा करेंगी।
गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नगर निगम भवन का मुख्य द्वार केवल फ्रांसीसी तिरंगे के लिए सुरक्षित है, और सार्वजनिक सेवा में तटस्थता के सिद्धांत का पालन अनिवार्य है। फ्रांसीसी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता इयान ब्रोसाट ने मंत्री पर आरोप लगाया कि वे फ्रांस की विदेश नीति के खिलाफ जा रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रपति फिलिस्तीन को मान्यता देने के समर्थक हैं।
दूसरी तरफ, पेरिस के सेंट-ओउएन इलाके के महापौर करीम बोआमराने ने शांति का संदेश देते हुए कहा कि वे इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के झंडे लहराएंगे, ताकि मुस्लिम और यहूदी समुदायों के बीच कोई भेदभाव न हो और शांति का प्रतीक बने।
गौरतलब है कि जून में नाइस शहर के महापौर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी को इजरायली ध्वज हटाने के लिए अदालत के आदेश का सम्मान करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। फ्रांस में फिलिस्तीनी झंडे को लेकर यह विवाद राजनीतिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर बहस का विषय बना हुआ है।
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