
मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (Kalyan-Dombivali Municipal Corporation- KDMC) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर मांस की दुकानों और बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया। इसके खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कल्याण में शुक्रवार को ‘मुर्गी छोड़ो’ प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता सचिन पोटे ने कहा कि उन्होंने केडीएमसी से इस आदेश को वापस लेने की मांग रखी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। इस आदेश के विरोध में कई राजनीतिक दलों और कसाई संघों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी, जिसके चलते कल्याण में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस उपायुक्त अतुल झेंडे ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
केडीएमसी के आयुक्त अभिनव गोयल ने कहा कि यह प्रतिबंध कोई नई बात नहीं है और 1988 से हर साल स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, महावीर जयंती, पर्यूषण, गणेश चतुर्थी और साधु वासवानी जयंती जैसे अवसरों पर लागू होता रहा है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय निगम के स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट पर आधारित है। हालांकि, विपक्षी दलों और कुछ सत्तारूढ़ सहयोगियों ने इस कदम की आलोचना की है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस प्रतिबंध को गलत ठहराया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार लोगों के खान-पान को नियंत्रित करने में रुचि नहीं रखती और इस विवाद को अनावश्यक बताया।
प्रतिबंध पर जताया कड़ा विरोध
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार और नगर निकायों को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि लोग क्या खाएं। ठाकरे ने इसे स्वतंत्रता दिवस के मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा, ‘हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, लेकिन हमें यह चुनने की आजादी नहीं कि हम क्या खाएं। यह एक विरोधाभास है।’ नागपुर, नासिक, मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर जैसे अन्य नगर निकायों ने भी 15 अगस्त को मांस की दुकानें बंद करने का आदेश जारी किया है। विपक्षी दलों और कसाई संघों ने इस आदेश को लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। कल्याण में पुलिस ने संभावित प्रदर्शनों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।
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