
नई दिल्ली: देश के मशहूर कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि जब देश भुखमरी से दौर से गुजर रहा था, लोग मर रहे थे तब शाहजहां ने ताजमहल बनवाने के लिए 9 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. इस दौरान 35 लाख लोग भुखमरी से मर गए. मनोज के इस बयान पर एक बड़े मीडिया संस्थान ने फेक न्यूज शेयर कर दी. संस्थान ने अपनी खबर और ट्वीट में 35 लाख लोगों को 35 करोड़ बता दिया. इस पर गीतकार ने अपनी प्रतिक्रिया देकर भूल सुधारने की बात कही.
उज्जैन के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे मनोज मुंतशिर
बता दें कि गुड़ी पड़वा को लेकर आयोजन में गीतकार मनोज मुंतशिर उज्जैन पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मुगल आक्रांताओं, देश के गौरवशाली इतिहास, नेपोटिज्म समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. मनोज ने मुगलों पर निशाना साधते हुए कहा कि 800 साल पहले मुगल आक्रांता इल्तुतमिश ने देश के कई प्राचीन स्थल तोड़े. उन्होंने कहा कि अल्लाह हू अकबर बोल-बोलकर तबाही मचाई. प्रेम के नाम पर ताजमहल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि जब देश भुखमरी के दौर से गुजर रहा था, लोग मर रहे थे तब शाहजहां ने ताजमहल बनवाने के लिए 9 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. इस दौरान 35 लाख लोग भुखमरी से मर गए. अगर इन पैसों को जनता में खर्च किया जाता तो लोगों की गरीबी मिट सकती थी.
गीतकार के बयान पर मीडिया संस्थान ने किया गलत ट्वीट
गीतकार के इस बयान के बाद देश के बड़े मीडिया संस्थान ने ट्वीट करते हुए मनोज मुंतशिर को कोट किया और लिखा, ‘देश में भुखमरी का शिकार थे 35 करोड़ लोग, तब शाहजहां बनवा रहे थे ताजमहल, बोले मनोज मुंतशिर.’ इसके बाद मनोज मुंतशिर ने ट्वीट का रिप्लाई करते हुए भूल सुधारने की बात कही. उन्होंने लिखा, ‘अपनी भूल सुधारें और मुझे गलत कोट करने के लिए क्षमा मांगें, मैंने 35 लाख कहा था, 35 करोड़ नहीं! उज्जैन का वीडियो दोबारा देखिए!’
फेक न्यूज पर बरसे गीतकार
इतना ही नहीं मनोज मुंतशिर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘जब तक सच अपने पैरों में जूते पहनता है, झूठ मीलों की यात्रा कर चुका होता है. सैकड़ों लोग सोशल मीडिया पर मेरी पगड़ी उछालने को तैयार हैं, क्योंकि एक मीडिया संस्थान ने एक झूठी खबर चला दी कि उज्जैन में मैंने बयान दिया, जब देश में 35 करोड़ लोग भुखमरी से मर रहे थे, शाहजहां ताजमहल बनवा रहा था. ज्ञानी लोग डेटा निकाल लाए कि शाहजहां के जमाने में देश की कुल आबादी 32 करोड़ थी, तो 35 करोड़ लोग भुखमरी से कैसे मर गए. गालियों और अशोभनीय बातों का दौर चल निकला. जो समय लंबी-लंबी पोस्ट्स लिखने में खर्च किया, वही तथ्यों की जांच करने में लगा देते तो पता चल जाता कि मैंने 35 लाख कहा था, करोड़ नहीं.’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved