
इंदौर। नगर निगम ने कुछ दिनों पहले मेघदूत उपवन के अलग-अलग हिस्सों को संवारने का काम किया था। अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जा चुकी है। अब निगम ने वहां कुछ और कार्य कराने के साथ-साथ मेघदूत का विस्तार करने हेतु आईडीए से बंद पड़े मंगल मैरीलैंड की जमीन मांगी है। शहर के खस्ताहाल उद्यानों की दशा सुधारने के लिए नगर निगम कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर कार्य करा रहा है और वार्डों के भी उद्यानों को संवारा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से निगम द्वारा बदहाल हो रहे मेघदूत उपवन को संवारने का काम शुरू किया गया था और काफी हिस्सों में फुटपाथ से लेकर कई कार्य किए गए।
निगम द्वारा वहां बंद पड़े वर्षों पुराने फव्वारों को फिर से शुरू किया गया हैऔर उनमें ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। आज सुबह निगमायुक्त शिवम वर्मा, एमआईसी मेंबर राजेंद्र राठौर ने निगम के कई अधिकारियों के साथ वहां का निरीक्षण किया। इस दौरान व्यवस्थाएं सुधारने को लेकर चर्चा हुई। राठौर के मुताबिक दूसरे चरण में भी मेघदूत को संवारने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। वहां संचालित हो रही उद्यान विभाग की नर्सरी को भी कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट पर शिफ्ट किए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही मेघदूत का और विस्तार करने के लिए नगर निगम ने आईडीए से बंद पड़े मंगल मैरीलैंड की जमीन मांगी है, ताकि वहां के कुछ हिस्सों में खेल गतिविधियों के साथ-साथ उद्यान के लिए कई कार्य बड़े पैमाने पर कराए जा सकें। मेघदूत उपवन का सारा काम पूरा होने के बाद उसे पीपीपी मॉडल पर भी दिए जाने की तैयारी है। हर सोमवार को मेघदूत उपवन बंद रहता था, जिसे अब 30 दिनों चालू करने के निर्देश दिए गए हैं।
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