
इंदौर, प्रदीप मिश्रा । महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एचआईवी विभाग से सम्बन्धित एआरटी सेंटर ने एक बड़ा चौंका देने वाला खुलासा किया है कि पहले शुरुआती दौर में तो देह व्यापार के अड्डों पर असुरक्षित सम्बन्ध बनाने से लोग एचआईवी का शिकार हो जाते थे, मगर अब गे कल्चर के कारण यानी समलैंगिक मतलब अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाने के चलते एचआइवी फैल रहा है।
हैरानी कि बात है कि इसकी चपेट में सबसे ज्यादा होस्टल में रहने वाले समलैंगिक स्टूडेंट्स आ रहे है। इन्दौर के एज्युकेशन हब बनने के बाद शहर में समलैंगिक सम्बन्धों का चलन भी बड़ी तेजी से फैल रहा है, मगर इसकी कीमत सम्बन्ध बनाने वालों को एड्स का मरीज बनकर चुकाना पड़ रही है। मेडिकल कॉलेज एआरटी सेंटर ने बताया कि इसका मतलब यह नहीं है कि होस्टल में एक रूम में एकसाथ रहने वाले सारे स्टूडेंट्स ऐसे हैं। हम सिर्फ उन स्टूडेंट्स की बात कर रहे हैं, जो गे यानी समलैंगिक हैं।
जिले में 5000 से ज्यादा एड्स मरीज एक्टिव
मेडिकल कॉलेज एआरटी सेंटर के रिकार्ड के मुताबिक 5 हजार 707 मरीज उनके यहां जांच और इलाज कराने आते हैं। इसमें नए-पुराने सभी पुरुष-महिला मरीज शामिल हैं। इन आंकड़ों में एचआईवी के शिकार समलैंगिक स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। यह नियमित रूप से दवाइयां ले रहे हैं। इलाज कराने वालों में महिला-पुरुष के अलावा थर्ड जेंडर भी शामिल हैं।
अब तक 21 महीने 39 एड्स मरीजों की मौत
एआरटी सेंटर के रिकार्ड के अनुसार शहर सहित जिले में नए-पुराने मिलाकर जहां 5707 एड्स मरीज एक्टिव हैं, यानी जिनका इलाज जारी है, वहीं इलाज के दौरान पिछले वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 24 एड्स मरीजों की मौत हो चुकी है, वहीं इस साल 1 अप्रैल 2024 से इस माह दिसम्बर तक 15 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। यानी इस तरह 21 महीने 39 मरीज की मृत्यु हो चुकी है।
सुरक्षित सम्बन्ध बनाएं जिंदगी बचाएं
पिछले कुछ सालों से असुरक्षित समलैंगिक सम्बन्धों के कारण लोग एचआईवी की चपेट में आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब स्टूडेंट्स भी इसका शिकार हो रहे हैं। इसलिए प्राकृतिक और सुरक्षित सम्बन्ध बनाएं और अपना कीमती जीवन बचाएं।
-डॉ. अशोक ठाकुर, प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज प्रभारी एआरटी सेंटर इन्दौर
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