
नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लड़ाकू बेड़े (Combat Fleet) की रीढ़ रहे मिग-21 लड़ाकू विमानों (fighter jets) ने बीकानेर (Bikaner) के नाल स्थित वायुसैनिक अड्डे (airbase) पर अपनी अंतिम उड़ान भरी। इन विमानों को 26 सितंबर को चंडीगढ़ में आयोजित औपचारिक सेवानिवृत्ति समारोह में अंतिम विदाई दी जाएगी। मिग-21 की प्रतीकात्मक विदाई की बेला पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 18-19 अगस्त को नाल से मिग-21 में एकल उड़ान भरी। यह 62 वर्षों तक वायुसेना की सेवा करने वाला रूसी मूल का लड़ाकू विमान रहा और इसकी अंतिम उड़ान कई पीढ़ियों को भावुक वाला क्षण था।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपनी उड़ान के बाद कहा, ‘मिग-21 वर्ष 1960 के दशक में अपनी शुरुआत से ही भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान रहा है और हम अब भी इसे इस्तेमाल कर रहे हैं। यह इतिहास में सबसे अधिक बड़े पैमाने पर निर्मित किए गए सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक है, जिसके 11000 से ज्यादा विमान 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल किए जा चुके हैं।’
एयर चीफ मार्शल ने बताया अनुभव
एपी सिंह ने कहा, ‘मिग-21 के साथ मेरा पहला अनुभव 1985 में रहा जब मैंने तेजपुर में इसका टाइप-77 वैरिएंट उड़ाया। यह एक अद्भुत अनुभव था। यह फुर्तीला, अत्यधिक गतिशील और डिजाइन में सरल था। हालांकि, इसके लिए कुछ शुरुआती प्रशिक्षण की आवश्यकता थी। यह उड़ाने के लिए अद्भुत विमान है और इसे उड़ाने वाले सभी लोग इसको याद करेंगे।’
इंटरसेप्टर के रूप में मिग-21 के शानदार काम का उल्लेख करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘इसे इंटरसेप्ट करने के लिए बनाया गया था और इस भूमिका में इसने भारत की उल्लेखनीय सेवा की। लेकिन हर चीज का समय और स्थान होता है। तकनीक अब पुरानी हो चुकी है और उसका रखरखाव मुश्किल है। अब समय आ गया है कि तेजस, राफेल और सुखोई-30 जैसे नए मंच की ओर बढ़ा जाए।’ उन्होंने कहा कि तेजस को वास्तव में मिग-21 के विकल्प के रूप में डिजाइन किया गया था। इसलिए यह छोटा विमान है। इसे मिग-21 के इर्द-गिर्द डिजाइन किया गया था और इसकी कल्पना मिराज से प्रेरित होकर की गई थी।
मिग-21 की जगह कौन लेगा
एपी सिंह ने कहा, ‘यह मिग-21 की जगह तो ले लेगा, लेकिन इसे और विकसित करना होगा। हमें तेजस के लिए नए हथियारों के बारे में भी सोचना होगा। शुरुआती प्रशिक्षण भूमिका में मुझे लगता है कि तेजस बहुत अच्छी तरह से फिट हो सकता है।’ एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि 83 विमानों के करार पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि तेजस अपने विभिन्न वैरिएंट्स में धीरे-धीरे बेड़े की भूमिका संभालेगा। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर जयदीप सिंह ने विभिन्न युद्धों में मिग-21 के ऐतिहासिक योगदान को याद किया।
एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘इस विमान ने 1965 के युद्ध में भाग लिया था और 1971 की लड़ाई में विशेष रूप से 14 दिसंबर को ढाका में राज्यपाल के आवास पर हुए हमले में अहम भूमिका निभाई थी। राज्यपाल ने अगले दिन इस्तीफा दे दिया और 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया और उसके 93,000 सैनिकों ने हथियार डाल दिए। इसके बाद 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर के तहत कारगिल में भी इस विमान ने करामात दिखाई जब मिग-21 ने भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे एक पाकिस्तानी अटलांटिक विमान को मार गिराया।’ 2019 में यह फिर सुर्खियों में आया जब इसने एक एफ-16 को मार गिराया।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved