
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय जीवन पर अपनी छाप छोड़ी है। उनके निधन से राष्ट्र ने प्रख्यात राजनेता, जानेमाने अर्थशास्त्री और एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया।
आधिकारिक बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में एक शोक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। बयान में आगे कहा गया कि उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाएगा और विदेशों में स्थित सभी भारतीय मिशनों व उच्चायोगों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
बयान में बताया गया कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इस दौरान केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश घोषित किया जाएगा। शोक प्रस्ताव में कहा गया, मंत्रिमंडल 26 दिसंबर, 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के दुखद निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है।
बता दें कि देश में आर्थिक सुधारों के जनक डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार 26 दिसंबर को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। 92 वर्षीय मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने कई पदों पर अपनी सेवा दीं। वे 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। इसके अलावा वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार, आर्थिक कार्य विभाग के सचिव, योजना आयोग के सदस्य सचिवऔर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे।
डॉ. मनमोहन सिंह को 1987 में भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार, वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एडम स्मिथ पुरस्कार भी मिला था।
वे 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमंत्री बने और मई, 2009 तक प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद मई 2009 में उन्हें दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया गया और 2014 तक वे दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बने। इससे पहले 1991 से 1996 के बीच भारत के वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
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