
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार उद्यमियों (Entrepreneurs) को ‘संपत्ति निर्माता’ (Wealth Creators) मानती है, क्योंकि वे जो मुनाफा कमाते हैं, अगर वह नैतिक तरीकों से हो, तो वह देश के विकास में मदद करता है। वित्त मंत्री ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद व्याख्यान’ की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘भारत में संपत्ति बनाना कभी भी गलत नहीं माना गया। हमने संपत्ति निर्माण को बढ़ावा दिया है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम उद्यमियों को संपत्ति निर्माता कहते हैं, न कि चोर।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा मुनाफा जो ईमानदार और नैतिक तरीकों से कमाया गया हो, वही असली संपत्ति बनाता है। यह संपत्ति देश को शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और श्रमिकों की गरिमा देने में मदद करती है। इससे न केवल लोगों का जीवन स्तर सुधरता है बल्कि पूरे देश की आत्मा और गति को भी मजबूती मिलती है।
वित्त मंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को याद करते हुए कहा कि जब भी कोई नीति बनाई जाए तो सबसे नीचे खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि उसे ऊपर उठाया जा सके और उसकी गरिमा बनी रहे। उन्होंने कहा, ‘चाहे वो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हों या वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इन दोनों नेताओं के शासनकाल में बनाई गई सभी नीतियों में एकात्म मानववाद की भावना साफ दिखती है।’
सीतारमण ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का नारा पंडित उपाध्याय की अंत्योदय की सोच से मेल खाता है। इसका मतलब है – समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाना। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हम हर व्यक्ति को गरीबी से बाहर निकालें, उन्हें रोजगार दें, बुनियादी जरूरतें दें, तो उनका जीवन स्तर सुधरता है। और जब ऐसा होता है, तो वे देश की उत्पादन क्षमता का हिस्सा बनते हैं। इससे पूरे देश की आर्थिक प्रगति होती है।’
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