
मुंबई । कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Congress MP Kumari Sailja) ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) ने मनरेगा की आत्मा को खत्म कर दिया (Has destroyed the Soul of MNREGA) ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मोदी सरकार ने तथाकथित सुधारों के नाम पर मनरेगा जैसी दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना की आत्मा को खत्म कर दिया है। यह गरीबों से काम का अधिकार छीनने और महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के विचारों पर सीधा हमला है। वे रविवार को क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यालय मुंबई में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों ग्रामीण परिवारों की आर्थिक जीवनरेखा रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इस योजना ने ग्रामीण भारत को संबल दिया, लेकिन 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने लगातार बजट कटौती, भुगतान में देरी, जॉब कार्ड रद्द करने और आधार-आधारित बाध्यताओं के ज़रिये मनरेगा को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है, जिसके कारण अब मजदूरों को साल में मुश्किल से 50-55 दिन का काम मिल पा रहा है।
सांसद ने कहा कि नया ढांचा मनरेगा के संवैधानिक स्वरूप को खत्म कर उसे केंद्र-नियंत्रित, शर्तों वाली योजना में बदल रहा है। पहले जहां यह मज़दूरों का कानूनी अधिकार था, अब उसे प्रशासनिक कृपा पर निर्भर बनाया जा रहा है। यह संघीय ढांचे पर भी गंभीर प्रहार है, क्योंकि केंद्र नियंत्रण अपने पास रखते हुए राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल रहा है। सांसद कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकार छीनकर व्यवस्था को अत्यधिक केंद्रीकृत डिजिटल नियंत्रण में सौंपा जा रहा है, जिससे स्थानीय जरूरतों और गरीबों की वास्तविक मांगों की अनदेखी होगी। मनरेगा की डिमांड-ड्रिवन प्रकृति को समाप्त कर बजट-सीमित व्यवस्था लागू करना ग्रामीण रोजगार के अधिकार को खत्म करने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान और ग्रामीण गरीबों के खिलाफ खुली साजिश है।
सांसद ने कहा कि अब तक मनरेगा संविधान के आर्टिकल 21 से मिलने वाली अधिकारों पर आधारित गारंटी थी। मनरेगा का 100 प्रतिशत पूरी तरह से केंद्र से फंडेड था पर अब मोदी सरकार राज्यों पर लगभग 50000 करोड़ या उससे ज्यादा डालना चाहती है, राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी इस जन-विरोधी, श्रमिक-विरोधी और संघीय-विरोधी फैसले का सडक़ से लेकर संसद तक हर मंच पर विरोध करेगी।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजना देश के मजदूर और गरीब वर्ग को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देती है। उन्होंने कहा कि मनरेगा को संसद में पारित कराने के पीछे सोनिया गांधी की दूरदर्शी सोच रही, जबकि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे प्रभावी ढंग से लागू कर घर-घर तक पहुंचाया। सैलजा ने कहा कि मनरेगा ने गरीब को भीख नहीं, बल्कि काम का कानूनी अधिकार दिया और यह देश के ग्रामीण गरीबों के लिए सबसे सफल रोजगार गारंटी योजना बनी। उन्होंने कहा कि गरीबी केवल खातों में पैसे डालने से खत्म नहीं होती। आज भाजपा सरकार मनरेगा को कमजोर कर गरीबों से उनकी रोज़ी-रोटी छीनने का काम कर रही है, जो सरासर अन्याय और मजदूर-विरोधी नीति है।
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