
सडक़ों के लिए ही ढाई हजार करोड़ अभी कर दिए मंजूर तो मार्च तक टेंडर प्रक्रिया के साथ सितम्बर तक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
इंदौर। प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ (Maha Kumbh) में भी उज्जैन (Ujjain) के अफसरों को भिजवाया, ताकि वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया जा सके। उज्जैन कलेक्टर, एसपी (Collector, SP) सहित अन्य अधिकारियों ने महाकुंभ का दौरा किया, वहीं मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने निर्देश दिए हैं कि अभी मार्च तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य सितम्बर तक पूरे हों। उज्जैन के साथ-साथ इंदौर जिले के भी निर्माण कार्यों की सतत समीक्षा सिंहस्थ तैयारियों के मद्देनजर बुलाई जा रही बैठकों में की जा रही है। ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक सडक़ों के लिए अभी मंजूर भी कर दिए हैं।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भी उज्जैन के अफसरों को भिजवाया, ताकि वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया जा सके। उज्जैन कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने महाकुंभ का दौरा किया। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि अभी मार्च तक टेंडर की प्रक्रियापूरी कर ली जाए और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य सितम्बर तक पूरे हों। उज्जैन के साथ-साथ इंदौर जिले के भी निर्माण कार्यों की सतत समीक्षा सिंहस्थ तैयारियों के मद्देनजर बुलाई जा रही बैठकों में की जा रही है। ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक सडक़ों के लिए अभी मंजूर भी कर दिए हैं। जो जल-आपूर्ति प्रणालियों, सीवेज लाइनों, बिजली ग्रिड्स और अन्य प्रमुख सुविधाओं पर केन्द्रित हैं। साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में सिंहस्थ की तैयारियों के लिए 505 करोड़ रुपए पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। सिंहस्थ मेला क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 3360.6 हेक्टेयर है। विकास योजना में सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए 2344.11 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया जाएगा। मेला क्षेत्र के लिए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सडक़ें, जल आपूर्ति, सीवेज लाइनें, बिजली, उद्यान आदि के निर्माण की योजना बनाई गई है। उज़्जैन विकास प्राधिकरण लैंड-पूलिंग योजना का उपयोग करते हुए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगा। यहां अखाड़ों, आश्रमों और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगीं। उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में लगभग 15 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। तैयारियों के संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज और हरिद्वार में कुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सिंहस्थ आयोजन में भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन सर्वेक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जायेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं में संलग्न कंपनियों और स्टार्टअप्स को बुलाकर उज्जैन में एक सम्मेलन कराया जाएगा। सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की संभावित भारी संख्या में आमद को ध्यान में रखते हुए संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। डॉ. यादव की योजना है कि उज़्जैन और इंदौर को सिंहस्थ-2028 के मुख्य केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां परिवहन, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अन्य आवश्यक सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
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