
गोरखपुर । बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) में भर्ती मरीज (admitted patients) में मंकीपॉक्स संक्रमण (monkeypox infection) खत्म नहीं हुआ है। सऊदी अरब के दुबई स्थित संस्थान ने बीते 26 अप्रैल को उसके संक्रमण की रिपोर्ट जारी की थी। अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे की जांच में भी मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है। बीती दो मई को उसका नमूना जांच के लिए एनआईवी भेजा गया था। एनआईवी भेजे गए छह में से पांच नमूने मंकीपॉक्स से पॉजिटिव मिले हैं।
देवरिया के बनकटा निवासी 35 वर्षीय मरीज 2024 को रोजगार के सिलसिले में दुबई गया था। पिछले सप्ताह अबूधाबी में उसे तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते होने लगे। उसने स्थानीय अस्पताल में जांच कराई, जहां मंकीपॉक्स की आशंका के बाद लतीफा अस्पताल के जेनेटिक्स विभाग में जांच कराई गई, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए आबूधाबी के डॉक्टरों ने उसे भारत लौटने की सलाह दी। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल फ्लाइट से देश भेजा और इसकी सूचना भारत सरकार को भी दी। 26 अप्रैल को गांव पचरुखिया पहुंचने की स्वास्थ्य विभाग को सूचना नहीं थी।
30 अप्रैल को जब शासन को इस बारे में जानकारी मिली तो देवरिया में स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। एंबुलेंस भेजकर मरीज को लाने की व्यवस्था की गई और तत्काल आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दे दिए गए। हालत गंभीर होने पर उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया।
डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी
30 अप्रैल की रात में मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। मरीज के लिए 100 बेड इंसेफेलाइटिस वार्ड में आइसोलेशन कक्ष बनाया गया। वहां मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. राजकिशोर सिंह की निगरानी में भर्ती किया गया। तीन डॉक्टरों की टीम उनके सेहत पर नजर रखे हुए है। दो मई को ब्लड, यूरिन, लार (थ्रोट स्वॉब), पसीना और फफोले का सैम्पल पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजा गया। अब रिपोर्ट मिली है। बताया जा रहा है कि खून छोड़कर पांच नमूनों में मंकीपॉक्स वायरस की मौजूदगी मिली है। मरीज में मंकीपॉक्स के हाईग्रेड संक्रमण की तस्दीक हुई है।
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