img-fluid

संसद का मॉनसून सत्र रहेगा हंगामेदार, इन 7 मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष में होगी तीखी बहस

July 02, 2023

नई दिल्‍ली (New Delhi) । देश में जल्द ही नई सियासी बहस की शुरुआत हो सकती है. यह शुरुआत संसद (Parliament) के मॉनसून सत्र (monsoon session) के साथ होने की संभावना है. संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. जिसके लिए सरकार (Government) के साथ-साथ विपक्ष (Opposition) ने भी कमर कस ली है.

जानकारी के मुताबिक संसद का यह सत्र नए भवन में हो सकता है. इस भवन को लेकर विपक्ष पहले से ही विरोध करता रहा है. विरोध के बाबजूद भी दोनों तरफ से तैयारियों जोरों पर हैं. दिल्ली अध्यादेश से लेकर कई अहम मुद्दों पर इस सत्र में चर्चा होगी. हो सकता है वोटिंग भी हो. यानी सरकार के साथ-साथ विपक्ष की एकता का भी लिटमस टेस्ट इस सत्र में हो जाएगा.

गौरतलब है कि आगामी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में जाने से पहले ये सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए ऐसा प्लेटफॉर्म बन सकता है, जहां से जीत के रास्ते जुड़ सकते हैं.


20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा मॉनसून सत्र
मॉनसून सत्र की तारीख का ऐलान हो गया है. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा. मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और दूसरे काम-काज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं.

इस तारीख के ऐलान के साथ ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने प्रहलाद जोशी के उसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘…और हम आशा करते हैं कि जोशी जी इस बात से अवगत होंगे कि सरकार लोगों से जुड़े उन सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी जिन्हें विपक्ष लगातार उठा रहा है. उन मुद्दों पर भी जिन पर प्रधानमंत्री पूरी तरह से मौन हैं.’

चुनावों से पहले हर दल हावी होना चाहेगा!
इस ट्रेलर से इतना अनुमान तो लगाया ही जा सकता है कि विपक्ष भी आक्रामक मोड में रहेगा. साल 2024 के लोकसभा चुनावों और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले संसद का यह आखिरी मॉनसून सत्र होने जा रहा है. इस दौरान कई मु्द्दों पर सियासी माहौल गर्म रहने की संभावना है. गौर करने वाली बात यह भी है कि देश में इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में संसद का इस्तेमाल तेज और तल्ख बयानबाजी के लिए भी किया जा सकता है. भाजपा हो या कांग्रेस या कोई अन्य दल हर कोई संसद के इस सत्र में हावी होकर अपने मु्द्दों से सुर्खियां बंटोरना जरूर चाहेगा.

इन पांच राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव
राजस्थान
मध्य प्रदेश
छत्तीसगढ़
तेलंगाना
मिजोरम

इसलिए और भी अहम हो जाता है यह सत्र…
संसद का मॉनसून सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है. ऐसी खबरें हैं कि मानसून सत्र की कार्यवाही नई संसद में हो सकती है. जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इतना ही नहीं मॉनसून सत्र में संसद की कार्यवाही में राहुल गांधी भी नहीं रहेंगे. अयोग्य होने की वजह से वो कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे लेकिन कांग्रेस के तेवर वैसे ही आक्रामक दिख सकते हैं. सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद इसीलिए भी है क्योंकि विपक्षी दल अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं. बताते चलें कि इस मॉनसून सत्र में कई मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की जानी है…

1. दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर विपक्ष का लिटमस टेस्ट
मॉनसून सत्र के दौरान मोदी सरकार सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश को बदलने के लिए एक विधेयक ला सकती है. इस अध्यादेश का आम आदमी पार्टी लगातार विरोध कर रही है. इसके लिए केजरीवाल की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. केंद्र के फैसले के खिलाफ और संसद में समर्थन के लिए केजरीवाल अब तक कई नेताओं के दरवाजे पर चक्कर लगा चुके हैं. यहां तक कि पटना की विपक्षी एकता की बैठक में भी हाजिरी लगा चुके हैं. लेकिन पटना में जब कांग्रेस समेत विपक्ष की दूसरी पार्टियों ने अपने पत्ते साफ नहीं किए तो आम आदमी पार्टी की अनबन हो गई. ऐसे में केजरीवाल के लिए तो सबसे बड़ी परीक्षा यही रहनी है कि वो इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोक सकें. इसके लिए उन्हें कई विपक्षी दलों से जुड़े राज्यसभा सांसदों के वोटों की जरूरत होगी.

2. मणिपुर हिंसा पर पीएम मौन, चर्चा को बेताब विपक्ष
मणिपुर में जारी हिंसा देश में अब भी चर्चा का अहम विषय है. ऐसे में जब संसद की कार्यवाही शुरू होगी तो विपक्ष इस मुद्दे को भी उठाएगा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश का ट्वीट भी इसी ओर इशारा करता है. उन्होंने ट्वीट कर साफ लिख दिया है कि हम उम्मीद करते हैं कि इस सत्र में उन मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसपर कि पीएम ने मौन साध रखा है. बताते चलें कि मणिपुर में 3 मई को पहली बार हिंसा हुई थी. तब से हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. 59वें दिन भी राज्य हिंसा की चपेट में हैं. जातीय संघर्ष के बाद से राज्यभर में अब तक करीब 50,000 लोग 300 से ज्यादा राहत शिविरों में रह रहे हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के सीएम के साथ और अन्य सभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं. राज्य में बिगड़े माहौल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी राहत शिविरों का दौरा कर चुके हैं.

3. यूनिफॉर्म सिविल कोड पर होगा हंगामा!
राजनीतिक गलियारों से आमजनों के बीच तक इस वक्त चर्चा का एक अहम विषय यूनिफार्म सिविल कोड भी है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) बिल पेश कर सकती है. UCC कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है. लेकिन इस बिल के पास होने की भी राह इतनी आसान नहीं रहने वाली है. पटना की विपक्षी एकता में एक साथ दिखने वाले कई दल इस बिल पर अलग-अलग मत रखते हैं. ऐसे में अगर यह बिल संसद में पेश किया गया तो जोरदार हंगामा होना लगभग तय ही माना जा रहा है.

4. अदाणी मुद्दे पर JPC की मांग
मॉनसून सत्र में कांग्रेस अदाणी मुद्दे पर JPC की अपनी मांग को फिर दोहराएगी. कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल भी लंबे समय से अदाणी मामले में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग कर रहे हैं. पिछले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोल ही रहे थे कि इसी बीच मोदी सरनेम मामले को लेकर उनके एक पुराने बयान के चलते संसद से सदस्यता चली गई थी. बताते चलें कि संसद के पिछले सत्र में अदाणी मामले को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी इस मांग को लेकर संसद भवन में विरोध प्रदर्शन तक किया था. विपक्षी दलों के नेता ‘वी वांट जेपीसी (हमें जेपीसी चाहिए)’ लिखे हुए बोर्ड लेकर संसद के बाहर तक मार्च निकालते हुए दिखे थे.

5. बालासोर हादसे के चलते रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग
मॉनसून सत्र में इस बार कांग्रेस बालासोर रेल हादसे का मुद्दा भी उठाएगी. कांग्रेस समेत कुछ और विपक्षी दल इस हादसे के लिए भारतीय रेल के खराब मैनेजमेंट को जिम्मेदार मानते हैं और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार रेल सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रही है. बताते चलें कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए.

6. टमाटर के बढ़े दाम और बेरोजगारी के मुद्दे के साथ उतरेगी कांग्रेस
देश में टमाटर के बढ़े दाम भी इन दिनों आम लोगों की जेब को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में महंगाई का मुद्दा भी इस मॉनसून सत्र में चर्चा का अहम विषय बन सकता है. कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा भी है कि महंगाई और बेरोजगारी हमारे लिए अहम मुद्दा हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि विपक्षी नेता केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर घेरने के लिए मजबूत तैयारी के साथ उतरेंगे.

7. महिला पहलवानों के लिए इंसाफ की मांग
संसद के इस मॉनसून सत्र में चर्चा का एक विषय इस बार महिला पहलवानों से जुड़ा भी रहने वाला है. जब प्रधानमंत्री मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे, तब पदक विजेता महिला पहलवान दिल्ली पुलिस के लाठी-डंडों का शिकार हो रही थीं. देश के तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर शुरू से ही सरकार को घेरते आए हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा अपने सासंद बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के लिए पहलवानों का अपमान कर रही है.

Share:

  • साउथ की फिल्म Pogaru में काम कर चुके मशहूर बॉडी बिल्डर जो लिंडनर का 30 साल की उम्र में निधन

    Sun Jul 2 , 2023
    बर्लिन (Berlin)। जर्मन बॉडी बिल्डर (German bodybuilder) और यूट्यूब स्टार (YouTube star) जो लिंडनर (Joe Lindner) का 30 साल की उम्र में निधन (died age of 30) हो गया. लिंडनर की मौत के बाद उनके दोस्त नोएल डेज़ेल ने कहा, ‘आपकी आत्मा को शांति मिले जो. मैं अब भी आपके जवाब के इंतजार में अपना […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved