
धराली । उत्तराखंड के धराली में भूस्खलन से फंसे (Trapped in Landslide in Dharali Uttarakhand) 190 से अधिक लोगों (More than 190 People) को सुरक्षित बचाया गया (Were Rescued Safely) । सेना ने बुधवार को दी जानकारी में बताया कि आपदाग्रस्त इलाके में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत व बचाव अभियान अभी भी जारी है।
सेना के प्रयासों से कई लोगों को पहले ही ऊंचाई वाले इलाकों में शिफ्ट कर दिया गया था। यहां सेना, एनडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना के मुताबिक आपदा वाले क्षेत्र में सेना के दो और अतिरिक्त राहत और बचाव दलों को तैनात किया गया है। सेना के ये दल गंगोत्री और धराली में तैनात हैं। वहीं इसी इलाके में हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए भारी मशीनें लगाई गई हैं। फंसे हुए नागरिकों की तलाश के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
निकाले गए लोगों को चिकित्सकीय सहायता और भोजन प्रदान किया जा रहा है। खोज और बचाव अभियान लगातार जारी है, ताकि हर प्रभावित व्यक्ति तक पहुंचा जा सके। भारतीय सेना प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उत्तराखंड के धराली में आए भूस्खलन, बादल फटने और फिर पानी के साथ मलबा आने के कारण यह त्रासदी हुई है। 05 अगस्त को इस घटना के बाद से ही भारतीय सेना द्वारा त्वरित राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हुई है।
5 अगस्त की दोपहर लगभग 1 बजकर 45 मिनट पर धराली गांव के पास भूस्खलन की घटना हुई। यह स्थान हर्षिल स्थित भारतीय सेना के शिविर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। इस घटना में सेना के भी कुछ जवान लापता हैं। सेना लगातार उनकी तलाश करने में जुटी हुई है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना ने 150 जवानों को त्वरित रूप से रवाना किया, जो महज 10 मिनट में मौके पर पहुंच गए और तत्काल बचाव कार्य शुरू कर दिया।
शुरुआती प्रयासों में ही सेना ने 20 लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया था। लेकिन सेना का ठिकाना भी भूस्खलन की चपेट में आ गया। बावजूद इसके सेना द्वारा अब तक कुल 70 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। वहीं घायलों को हर्षिल में स्थित भारतीय सेना की चिकित्सा सुविधा में त्वरित इलाज दिया जा रहा है। फंसे हुए लोगों की तलाश और बचाव कार्य लगातार जारी है। सभी उपलब्ध संसाधनों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, और भारतीय सेना प्रभावित नागरिकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के प्रयास कर रही है।
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