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Master Plan को लेकर 400 से ज्यादा आपत्ति

November 21, 2021

  • सुनवाई सोमवार से होगी

उज्जैन। प्रदेश के सबसे बड़े शहर उज्जैन में लगातार व्यापार-व्यवसाय और औद्योगिक गतिविधियों के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। इसके लिए शहरी सीमा से जुड़े क्षेत्रों में फैलाव अनिवार्य हो गया है। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने आगामी 15 सालों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान 2021 बनाया है। इसमें 79 नए गांवों को शामिल किया गया है। इसके लिए दावे-आपत्ति बुलाए गए थे। उनकी सुनवाई सोमवार को की जाना है। शहर के लिए बन रहे 2021 मास्टर प्लान को आगामी 15 सालों को ध्यान रखते हुए 2035 तक किसी प्रकार की दिक्कत न हो इस तरह तैयार किया जा रहा है। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल ने बताया कि नए मास्टर प्लान के लिए 31 अक्टूबर तक दावे-आपत्ति लिए गए थे। अब 22 नवंबर को इन पर सुनवाई होगी।


मुद्गल ने बताया कि 400 से ज्यादा दावे-आपत्ति प्राप्त हुई हैं। नए मास्टर प्लान में मेट्रो, अमृत प्रोजेक्ट से जुड़ी कई अहम बातों को ध्यान रखा गया है तो उज्जैन शहर से जुड़े कई गांवों को इसमें शामिल कर यहां पर शहर जैसी सुविधाएं दिए जाने की कवायद इस मास्टर प्लान के बाद शुरू होगी। वहीं शहरवासियों में भी नए मास्टर प्लान को लेकर काफी उत्सुकता है तो उद्योगपतियों और निवेश करने वालों को भी मास्टर प्लान की प्रक्रिया पूरा होने का इंतजार है। सोमवार को होने वाली आपत्तियों की सुनवाई में नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 13(2) के तहत निवेश क्षेत्र की सीमाओं में वृद्धि के बाद उसके वर्तमान भू-उपयोग आदि से संबंधित रहेगी।

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