
उज्जैन। उज्जैन शहर सहित जिले भर में करीब पचास से अधिक सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल है। किसी का भवन क्षतिग्रस्त हो गया है तो कहीं कमरे तक की व्यवस्था नहीं है जहां विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई कर सके। इसके अलावा अधिकांश स्कूलों में पेयजल ही नहीं बल्कि शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। स्कूली शिक्षा विभाग ने प्रदेश सहित जिले के उन सरकारी स्कूलों का सर्वे कराया है जिनके भवन खतरनाक स्थिति में है और यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए जान का खतरा बना रहता है। प्रदेश के जिन 99 हजार 987 स्कूल में 21 हजार स्कूल कम क्षतिग्रस्त तो 18 हजार अधिक क्षतिग्रस्त पाए गए हैं उनमें शहर के साथ ही जिले में पचास से स्कूल भी शामिल हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने के लिए कक्ष ही नहीं हैं, तो पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। साथ ही स्कूल शौचालय विहीन हैं, ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए सर्वे करवा रहा है।
इनका कहना है
स्कूली शिक्षा विभाग भोपाल ने सर्वे कराया है। जो जीर्ण-शीर्ण भवन है, उनकी स्थिति जल्द ही सुधारी जाएगी, इसलिए सर्वे का काम हुआ है। विद्यार्थियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
गिरीश तिवारी, एडीपीसी
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