
नई दिल्ली । मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के सतना जिला अस्पताल(Satna District Hospital) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां अस्पताल में नवजात जुड़वां बच्चों की मौत हो गई, लेकिन उन्हें ले जाने वाला कोई नहीं आया। खास बात यह है कि दोनों बच्चे 12 दिनों तक नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती भी रहे, लेकिन फिर भी इतने दिन तक चले इलाज के बावजूद बच्चों के परिजन लापता रहे। हालांकि बच्चों की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस से संपर्क किया और उसकी सक्रियता के बाद आखिरकार मां का पता लगाया जा सका। ये बच्चे जिस महिला के थे, उसके पति कि मृत्यु तीन साल पहले हो चुकी है, ऐसे में लोकलाज के डर से वह बच्चों को अस्पताल छोड़ गई थी।
घटना की शुरुआत 9 जुलाई को हुई जब रामनगर क्षेत्र से जुड़वां नवजातों को जिला अस्पताल लाया गया। बच्चों की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी और गंभीर हालत देखते हुए उन्हें एसएनसीयू में भर्ती किया गया। एक महिला जो खुद को बच्चों की मौसी बता रही थी।उसने अस्पताल में जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की और फिर बिना किसी जानकारी दिए वहां से चली गई।
जब 20 जुलाई को पहले नवजात की मौत हुई तब अस्पताल प्रशासन ने दिए गए मोबाइल नंबर और पते के आधार पर परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ही गलत निकले। इसके बाद एसएनसीयू प्रभारी डॉक्टर योगेश मिश्रा ने पुलिस को सूचना दी है। जिससे मामले की गंभीरता को देखते हुए खोजबीन शुरू हुई।
कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि अस्पताल के रिकॉर्ड में मौजूद सूचना झूठी निकली, जिससे महिला तक पहुंचना काफी मुश्किल हो गया। कई प्रयासों के बाद 22 जुलाई को पुलिस टीम ने रामनगर से बच्चों की मां को तलाश कर अस्पताल बुलाया। दुर्भाग्यवश, पुलिस द्वारा मां को लाने से पहले ही दूसरे नवजात की भी 22 जुलाई की सुबह मृत्यु हो गई। दोनों बच्चों के शव मर्चुरी में रखे गए थे और मां के आने पर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें सौंप दिया गया।
जांच में यह सामने आया कि महिला विधवा है और उसके पति की मृत्यु 2022 में हो चुकी है। ऐसे में सामाजिक दबाव व बदनामी के डर से ही उसने बच्चों को अस्पताल में ही छोड़ दिया और उन्हें अपनाने से परहेज किया। इसी वजह से उसने जानबूझकर अस्पताल में गलत पता लिखवाया साथ ही गलत मोबाइल नंबर भी दिया था। हालांकि पुलिस ने जांच करते हुए उसे खोज निकाला और दोनों नवजातों के शवों को उसे सौंप दिया।
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