
नई दिल्ली । मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के संस्थापक मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) और रामदेव अग्रवाल (Ramdev Agarwal) ने फास्ट डिलीवरी कंपनी जेप्टो (Zepto) में व्यक्तिगत तौर पर 50-50 मिलियन डॉलर (कुल 100 मिलियन डॉलर) का निवेश (Investment) किया है। यह सौदा जेप्टो के कुछ शुरुआती विदेशी निवेशकों से शेयर खरीदकर किया गया है। कंपनी का लक्ष्य 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में आईपीओ से पहले 50% से अधिक भारतीय स्वामित्व हासिल करना है। जेप्टो की प्रवक्ता ने इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
आईपीओ की तैयारी: मुख्यालय सिंगापुर से बेंगलुरु शिफ्ट
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक जेप्टो ने जनवरी 2025 में अपना मुख्यालय सिंगापुर से बेंगलुरु शिफ्ट किया, ताकि भारतीय लिस्टिंग नियमों का पालन कर सके। अगस्त 2024 में कंपनी का मूल्यांकन 5 बिलियन डॉलर था, और इसी वैल्यूएशन पर यह लेनदेन हुआ है।
बड़े निवेशकों का दबाव
मोतीलाल ओसवाल की कंपनी अलग से 250 मिलियन डॉलर का सेकेंडरी राउंड भी लीड कर रही है। इसमें एडलवाइस और हीरो फिनकॉर्प जैसी कंपनियां शामिल हैं। यह डील जून 2025 में औपचारिक रूप से घोषित की जाएगी, जब सभी कानूनी जांच पूरी हो जाएगी।
पिछले फंडिंग राउंड
नवंबर 2024 में जेप्टो ने 350 मिलियन डॉलर जुटाए थे, जिसमें मोतीलाल ओसवाल की प्राइवेट वेल्थ टीम और भारतीय अमीर परिवारों ने हिस्सा लिया था। इस फंडिंग के बाद कंपनी का 30% स्वामित्व भारतीयों के पास आ गया। वहीं, जेप्टो के सह-संस्थापक आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा के पास कंपनी के 20% शेयर हैं।
इस डील के मायने
भारतीय क्विक कॉमर्स सेक्टर में जेप्टो जियोमार्ट और ब्लिंकिट जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला कर रहा है। घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने से कंपनी को आईपीओ के समय बाजारर में मजबूत स्थिति मिलने की उम्मीद है।
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