
बालाघाट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट-गोंदिया फोरलेन हाईवे (Balaghat-Gondia four lane highway) की सच्चाई पहली ही बारिश में उजागर हो गई। 1100 करोड़ रुपये (Rs 1,100 crore) की लागत से तैयार यह हाईवे उद्घाटन से पहले ही धंस गया। गोंगलाई और भमोड़ी गांव के पास बारिश के चलते सड़क किनारे का शोल्डर और स्लोप बह गया, जिससे हाईवे का कंक्रीट स्ट्रक्चर (Concrete Structure) भी दरक गया। इससे न केवल निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही भी कटघरे में है।
इस फोरलेन हाईवे का निर्माण केसीपीएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधीन है। करोड़ों की लागत से बने इस फोरलेन की पहली ही बारिश ने निर्माण कार्य की असलियत सामने ला दी। बारिश के कारण सड़क के किनारे की मिट्टी बह गई, जिससे कंक्रीट स्ट्रक्चर बैठ गया और पूरी ढलान धंस गई। जानकारों का मानना है कि सड़क निर्माण में इंजीनियरिंग मानकों की अनदेखी की गई। जहां सड़क धंसी है, वहां समुचित कंपेक्शन नहीं किया गया था। साथ ही जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं थी।
नेता प्रतिपक्ष ने बोला हमला
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार (Umang Singar) ने कहा कि 1,100 करोड़ का हाईवे पहली बारिश में ही हाईवे धंस गया। उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार के फीते कट गए। ये भाजपा के भ्रष्ट सिस्टम की असली तस्वीर है। जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, जनता का पैसा यूं ही बहता रहेगा।
जांच के दिए गए आदेश
NHAI की प्रोजेक्ट डायरेक्टर आकृति गुप्ता ने बताया कि इंजीनियरों की टीम को मौके पर भे जा गया है। मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच भी कराई जाएगी। निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी कर जांच शुरू कर दी गई है।
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