
श्योपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) को एक बड़ा झटका लगा है। भारत में चीता को दोबारा बसाने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत पहली बार किसी तेंदुए और चीता के बीच भिड़ंत की खबर सामने आई है। इस भिड़ंत में 20 महीने की एक युवा मादा चीता की मौत हो गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब इसी हफ्ते ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तीन साल पूरे हो रहे हैं।
वन अधिकारियों को सोमवार शाम करीब 6.30 बजे एक मादा चीता का शव मिला। यह चीता नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘ज्वाला’ के चार शावकों में से एक थी। अधिकारियों के अनुसार, मौत की पहली वजह तेंदुए के साथ हुई आपसी लड़ाई मानी जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
मां से अलग होने के बाद हुई घटना
बताया गया है कि यह युवा चीता अपनी मां ज्वाला से एक महीने पहले ही अलग हुई थी और कुछ दिन पहले ही अपने भाई-बहनों से भी बिछड़ गई थी। शावक से बड़ी हो चुकी इस चीता को इसी साल 21 फरवरी को अपनी मां के साथ जंगल में छोड़ा गया था।
इस घटना के बाद भी अधिकारियों का कहना है कि कूनो में चीतों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा है। ‘प्रोजेक्ट चीता’ के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने बताया कि अभी भी पार्क में कुल 25 चीते हैं, जिनमें 9 वयस्क (6 मादा और 3 नर) और भारत में जन्मे 16 चीते शामिल हैं। ये सभी चीते स्वस्थ और ठीक हैं।
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