
नीमच। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के नीमच (Neemuch) में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में ट्रेनिंग के दौरान ग्रेनेड फटने से एसआई रामनिवास (ASI Ramniwas) का निधन हो गया। घटना 26 सितंबर की है, उनका उपचार दिल्ली एम्स में चल रहा था। मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत हिरादेशर में बुधवार को पहुंचा, जहां पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

26 सितंबर 2025 को नीमच सीआरपीएफ में स्थित रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में फायरिंग प्रशिक्षण चल रहा था, उसी दौरान सीआरपीएफ के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर रामनिवास चौधरी के हाथ में ग्रेनेड फट गया। वे जोधपुर जिले के भोपालगढ़ के हिरादेशर गांव के रहने वाले थे, ट्रेनिंग के दौरान घायल होने के बाद उदयपुर अस्पताल ले जाया गया, वहां पर गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने दिल्ली एम्स भेज दिया था। मंगलवार को एम्स में उपचार के दौरान रामनिवास जिंदगी की जंग हार गए। रामनिवास चौधरी एक जांबाज़ अफसर थे। बुधवार को जब उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव हिरादेशर पहुंचा तो पूरा गांव गम में डूब गया। एक तरफ देशभक्ति का जज्बा था तो दूसरी ओर अपने को खोने की रूदन थी। नम आंखों से सीआरपीएफ परिवार व ग्रामीणों ने सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

दिल्ली स्थित मुख्यालय पर CRPF के DG कुलदीप सिंह और सीनियर अफसरों ने उन्हें कंधा देकर अंतिम विदाई दी। यूनिफॉर्म में खड़े जवानों की आंखें नम थीं। सोशल मीडिया पर CRPF का श्रद्धांजलि ट्वीट और शहीद के पार्थिव शरीर को सलाम करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। हिरादेशर में मातम नहीं, अभिमान है – मेरा बेटा देश पर न्यौछावर हुआ, हिरादेशर गांव की गलियों में आज चूल्हे नहीं जले, लेकिन हर घर में एक ही बात गूंज रही है—“रामनिवास ने गांव का नाम इतिहास के पन्नों पर लिख दिया। ग्रामीणों के मुताबिक, शहीद के छोटे बेटे ने रुंधे गले से कहा, “पापा हमेशा कहते थे, देश पहले है।”

शहीद एएसआई रामनिवास माउंट आबू में पदस्थ थे। वे ट्रेनिंग के लिए नीमच आए थे। उनकी ड्यटी विशेष सुरक्षा अभियानों में ही रहती थी और कमांडों के रूप में सक्रिय रहते थे। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामनिवास ने युवा अवस्था में ही देश सेवा का रास्ता चुनकर सीआरपीएफ ज्वाइन की थी।
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