
भोपाल। मध्य प्रदेश में 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव(MP by Election) के लिए यूं तो मैदान में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही अपना पूरा दम दिखा रही हैं लेकिन उपचुनाव का रण वर्चुअल स्पेस में भी जारी है। बीजेपी ने इसके लिए खास तौर से प्लान तैयार किया है. खास बात यह है उपचुनाव वाली सीटों की तासीर को समझ कर उसी हिसाब से सोशल मीडिया की रणनीति तैयार की गई है।
आदिवासी बहुल ऐसी सीटें जहां पर टि्वटर फॉलोअर कम हैं, वहां पर फेसबुक और व्हाट्सएप को लेकर खास प्लान बनाया गया है, जबकि वो स्थान जहां पर ट्विटर के फॉलोअर ठीक-ठाक हैं वहां के लिए सोशल मीडिया टीम अलग से काम कर रही है।
क्या है प्लान ?
उपचुनाव में बीजेपी ने व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर अपनी टीम को एक्टिव किया है। जहां उपचुनाव होना है वहां सभी 7 जिलों में 7 सोशल मीडिया सुपर इंचार्ज बनाए गए हैं. जबकि उपचुनाव वाली 11 विधानसभा सीट्स के 11 इंचार्ज और को-इंचार्ज बनाए गए हैं। इसी तरह उपचुनाव के 51 मंडल के 51 इंचार्ज और को-इंचार्ज बनाए गए हैं. उपचुनाव वाले 3.5 हज़ार से ज्यादा बूथों के 3.5 हज़ार से ज्यादा इंचार्ज और को-इंचार्ज बनाए गए हैं।
हर बूथ पर कार्यकर्ताओं के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिस पर रोज की प्लानिंग शेयर की जा रही है. प्रचार को धार देने के लिए उपचुनाव वाली सीट के विधायक और सांसदों के प्रोफाइल भोपाल में बैठी टीम इन दिनों हैंडल कर रही है. भोपाल में प्रदेश स्तर पर सोशल मीडिया टीम पूरे प्रचार का काम मॉनिटर कर रही है।
अपने अपने दावे
सोशल मीडिया को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं. बीजेपी में सोशल मीडिया के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है बीजेपी की सोशल मीडिया टीम भोपाल से लेकर उपचुनाव वाली सीटों पर एक्टिव है। बात चाहें हमारी सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की हो या फिर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की, सोशल मीडिया में हमारे मुद्दों का ट्रेंड करना यह साबित करता है कि कांग्रेस पर हम भारी हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है सोशल मीडिया में उसके फ़ॉलोअर्स ज्यादा है जिसका सीधा सीधा मतलब यह है कि जनता का समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है।
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