
भोपाल: माध्यमिक परीक्षा मंडल यानी माशिमं (MPBSE) के पेपर लीक मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने वायरल हुए पेपरों (Viral papers) के लीक होने की बात को स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा विभाग ने मामले में 4 सेंटरों के 9 लोगों को सस्पेंड (Suspend) कर दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि मंत्री (Minister) के मानने के बाद क्या बच्चों को फिर से पेपर देना पड़ेगा.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) ने कहा कि सेकंड राउंड में जो प्रश्न पत्रों के बारे में जानकारी आई है. उसमें पाया गया है कि सेंकड राउंड में वायरल पेपर सही है. ये थाने से स्कूल तक पहुंचने के बीच के समय में हुआ है. हालांकि, परमार ने कहा कि पहले राउंड में जो पेपर वायरल हुए थे उनमें कोई सत्यता नहीं पाई गई. इंदौर भोपाल में FIR दर्ज कराई गई है और भ्रम फैलाने सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पेपर लीक होने के बाद से ही पढ़ने वाले छात्र परेशान थे. उन्हें पेपरों के रद्द होने की आशंका सता रही थी. लेकिन, अब जब खुद शिक्षा मंत्री ने वायरल पेपरों के सही होने की बात कही है ऐसे में बच्चों की टेंशन और बढ़ गए हैं. अगर पेपर रद्द होते हैं तो उन्हें फिर से परीक्षा में जाना पड़ेगा. हालांकि, अभी तक विभाग या शिक्षा मंत्री और बोर्ड की तरफ से इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
पेपर लीक मामले में कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पेपर लीक का यदि मैं भ्रम फैला रहा हूं तो मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. इंग्लिश का पेपर भी पूरा लीक हुआ. भ्रष्टाचार चल रहा है. अधिकरियों को निलंबित किया. इसका मतलब पेपर लीक हुआ हैं. स्कूल शिक्षा विभाग पेपर बेंच रहा है.
बता दें मामले की गंभीरता को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है. जो पेपर लीक केस की जांच करेगी. इसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी. बोर्ड की कंपलेन पर संबंधित टेलीग्राम चैनल (Telegram Channel) के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है. वहीं कुछ लोगों को सस्पेंड किया गया है.
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