
जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया के कैम्पस में स्थित कमला नेहरू अस्पताल (Kamala Nehru Hospital) में गत दिनों आगजनी की घटना में हुई बच्चों की मौत का मामला (case of death of children) अब उच्च न्यायालय (High court) पहुंच गया है। जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय की मुख्य खंडपीठ में नागरिक उभोक्ता मंच द्वारा शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर कर मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की गई है। याचिका में प्रदेश के अस्पताल में पहले हुए हादसों के बावजूद सेफ्टी को लेकर की जा रही लापरवाही को मुद्दा बनाया गया है।
नागरिक उपभोक्ता मंच के डा. पीजी नाजपाण्डे ने बताया कि कमला नेहरू अस्पताल में आगजनी की घटना में बच्चों की मौत से जुड़ा मामला संवेदनशील और सार्वजनिक हित का है। याचिका में सतना के सरकारी अस्पताल में 2014 में बच्चों के वार्ड में हुई भीषण आगजनी का मामले का हवाला भी दिया था। उस समय आगजनी में 14 बच्चों की मौत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में गत आठ नवम्बर को रात 9.00 बजे के करीब आग लगी थी। अस्पताल की तीसरी मंजिल पर जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 40 बच्चे भर्ती थे। बताया जा रहा है कि इस आगजनी में 10 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है, जबकि प्रशासन केवल पांच बच्चों की मौत ही बात कह रहा है। आगजनी के बाद पोस्र्टमार्टम में करीब 10 बच्चों के शव पहुंचे थे और उनकी मौत का कारण दम घुटना बताया गया था। कुछ बच्चों के शरीर धुएं से काले हो गए थे, जबकि कुछ की सांस नली में धुआं पाया गया था। इसके बावजूद सरकार और अस्पताल प्रबंधन ने आगजनी की घटना में केवल पांच बच्चों की मौत की पुष्टि की है। अन्य बच्चों की मौत बीमारियों के कारण होना बताया गया है। अब इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर हुई है, जिसमें तत्काल मामले की सुनवाई की मांग की गई है। (एजेंसी, हि.स.)
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