
हरदा. हरदा (Harda) में शनिवार को धारा 420 (Section 420) के एक आरोपी को कोर्ट (Court) में पेश करने के दौरान करणी सेना (Karni Sena) ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति बनी और करनी सेना के कार्यकर्ता पुलिस कर्मचारियों से झूमाझटकी करने लगे। करनी सेना के कार्यकर्ताओं ने सिटी कोतवाली थाने तक का घेराव कर दिया। वहीं, इस दौरान उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे एसआई अनिल गुर्जर और करनी सेना जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत के बीच तीखी बहस भी हुई। सुनील ने एसआई को धमकी तक दे डाली कि वर्दी उतारकर आना। यहां माहौल बिगड़ा तो इसकी जिम्मेदार पुलिस होगी।
पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
इस बीच दूसरे कार्यकर्ता भी पुलिस से झूमा झटकी करने लगे और स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने जिलाध्यक्ष सहित पांच लोगों को गिरफ्तार करते हुए लाठी चार्ज एवं हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर बितर किया। करनी सेना जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत ने सिटी कोतवाली थाने में धमकी दी कि पुलिस न्याय नहीं करेगी, तो हमें न्याय करना आता है। इधर करणी सेना के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है, जिसके बाद वे अपने कार्यकर्ताओं को छुड़ाने बाईपास पर जाम लगाकर बैठ गए।
बाईपास पर किया चक्काजाम, होगी FIR
इधर पुलिस के लाठी चार्ज और करनी सेना के नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज दूसरे कार्यकर्ता रात के समय बाईपास चौराहे पहुंचे और वहां चक्का जाम कर दिया। करणी सेना के गिरफ्तार किए गए नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग को लेकर, दूसरे कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम के दौरान ही हनुमान चालीसा का पाठ भी शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे और जाम समाप्त नहीं किया। यहां मौजूद महाराणा सेना के संस्थापक सदस्य राजेंद्र राणा का कहना था कि पुलिस ने उनके साथियों पर झूठा आरोप लगाकर जेल भेजा है, जिनके रिहा नहीं होने तक चक्काजाम जारी रहेगा। पुलिस करनी सेना के जिलाध्यक्ष सहित अन्य कार्यकर्ताओं को झूठा फंसा रही है। 420 के आरोपी पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस उनके कार्यकर्ताओं पर ही झूठी कार्रवाई कर रही है। वहीं, हरदा एडिशनल एसपी आरडी प्रजापति का कहना है कि पुलिस ने उचित कार्रवाई की है। अभी जाम लगाने वाले लोगों पर भी FIR की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस पर पैसे लेकर आरोपी को संरक्षण देने का आरोप
दरअसल करनी सेना से जुड़े आशीष राजपूत ने 1.52 कैरेट का एक हीरा 18 लाख रुपये कीमत का खरीदा था, लेकिन जांच में वह हीरा नकली निकला। जिस पर शहर के कोतवाली थाने में 11 दिसंबर 2024 को मामला भी दर्ज हुआ था। उसी प्रकरण में पुलिस ने कुल हरदा निवासी विक्की उर्फ विकास, इंदौर निवासी मोहित वर्मा और सूरत निवासी उमेश तपनिया को आरोपी बनाया था। इनमें से आरोपी मोहित को पुलिस इंदौर से गिरफ्तार करके हरदा लाई थी, लेकिन करनी सैनिक उसे उनके सुपुर्द करने की मांग कर रहे थे। वहीं धोखाधड़ी के पीड़ित आशीष ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी को संरक्षण देते हुए पैसे लेकर शहर के बाहर छोड़कर आ रही है। उन्होंने विवेचना अधिकारी पर ही इसके बदले 2.80 लाख रुपये लेने के आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ही ऐसा करेगी तो हम फरियाद लेकर कहां जाएंगे। मोहित पर पहले भी गुजरात में लूट की एफआईआर है। उसने मुझे भी नकली हीरा देकर ठगा है, जिसमें मेरे 10 से 15 लाख रुपये फंसे हुए हैं।
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