
ग्वालियर। मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर (Constitution maker Dr. BR Ambedkar) की मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदलता जा रहा है। वकीलों के दो पक्षों में हो रहे विवादों के बीच भीम आर्मी (Bhim Army) भी इस मामले में खुलकर सामने आ गई है। दो दिन पहले हाई कोर्ट के बाहर नारेबाजी कर रहे भीम आर्मी (Bhim Army) के कुछ कार्यकर्ताओं और वकीलों के बीच जमकर हड़प हो गई। आनन फानन में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। मूर्ति विवाद को सुलझाने के लिए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने सोमवार को बार एसोसिएशन के साथ दोनों पक्षों को जबलपुर बुलाया, लेकिन वकीलों का एक पक्ष नहीं पहुंचा।
हाइ कोर्ट की ग्वालियर बेंच के परिसर में प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का विवाद गहराता जा रहा है। दोनों पक्षों के वकील आक्रोशित हैं, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। सबसे पहला विवाद गुरुवार को शुरू हुआ जब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लगाने के लिए लाया गया। इसके बाद से हाई कोर्ट में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्रा का कहना है कि दूसरा पक्ष हाई कोर्ट में अनैतिक तरीके से मूर्ति लगाने में अड़ा हुआ है। मूर्ति लगाने का किसी का विरोध नहीं है, लेकिन नियम से लगना चाहिए। इस बात को लेकर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन विरोध कर रहा है। इसको लेकर वकीलों के दोनों पक्षों के बीच जबलपुर में माननीय चीफ जस्टिस के यहां बैठक होने के बाद फैसला होगा कि मूर्ति लगती है या नहीं
वहीं, दूसरे पक्ष वकील विश्वजीत रतौंडिया का कहना है कि यह सीधे तौर पर अंबेडकर जी की मूर्ति को लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है। मूर्ति आ चुकी है। वकीलों ने अपने पास से मूर्ति को लगवाने के लिए पैसा इकट्ठा किया था। सोमवार को जबलपुर में मीटिंग होनी थी, लेकिन एक पक्ष नहीं आया।
इस बीच कांग्रेस विधायक और दलित नेता फूलसिंह बरैया ने कहा कि अंबेडकर की मूर्ति हाई कोर्ट में लगाना गर्व की बात है। जहां-जहां देश में न्यायालय है, वहां बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगाना चहिए। कुछ सीनियर वकील गली गलौज कर रहे हैं। पिछली बार के दलित आंदोलन जैसा दंगा भड़काने का काम कर रहे हैं।
मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदलता जा रहा है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्ष से बयानबाजी और चेतावनी दी जा रही है। ग्वालियर पुलिस ने इस पर सख्त एक्शन लिया है। पुलिस ने सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले छह सोशल मीडिया हैंडलर्स को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। साथ ही ग्वालियर वासियों से अपील की है कि इस प्रकार नफरत फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडलर्स का तिरस्कार करें। ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
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