img-fluid

MP: सिविल जज के रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ, HC ने लगाई थी रोक… SC ने खारिज किया आदेश

September 24, 2025

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सिविल जज (Civil Judge) के खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को हरी झंडी दे दी। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने MP हाईकोर्ट के उस फैसले को भी खारिज कर दिया जिसमें सिविल जज बनने के लिए तीन साल की वकालत के अनुभव को अनिवार्य बताते हुए सिविल जज के पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। अदालत ने इस रोक को हाईकोर्ट द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।


जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने यह फैसला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दायर उस याचिका पर सुनाया, जिसमें उन्होंने अपनी ही खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘उच्च न्यायालय द्वारा समीक्षा अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए 13 जून, 2024 को पारित विवादित आदेश इस आधार पर रद्द किए जाने योग्य है कि उच्च न्यायालय ने 7 मई, 2024 के पूर्व आदेश की समीक्षा करते समय अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।’

फैसले में कहा गया कि समीक्षा अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने और नई मुख्य परीक्षा आयोजित करने का कोई कारण नहीं है, खासकर जब विज्ञापन 17 नवंबर, 2023 को जारी किया गया था और भर्ती प्रक्रिया जून 2024 तक जारी रही। उच्च न्यायालय की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने तर्क दिया कि पुनर्परीक्षा असंवैधानिक और अव्यावहारिक है और इससे मुकदमेबाजी की बाढ़ आ जाएगी। इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई थी।

मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में 23 जून, 2023 को संशोधन किया गया था, ताकि राज्य में सिविल जज प्रवेश-स्तर की परीक्षा में बैठने के लिए वकील के रूप में तीन साल की प्रैक्टिस अनिवार्य हो सके। संशोधित नियमों को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा, लेकिन इसके बाद मुकदमेबाजी का एक और दौर तब शुरू हो गया, जब दो उम्मीदवारों, जिनका चयन नहीं हुआ था, ने यह तर्क दिया कि यदि संशोधित नियम लागू होते हैं तो वे पात्र होंगे और उन्होंने कट-ऑफ की समीक्षा करने की मांग की।

इसके बाद हाई कोर्ट ने इन पदों पर होने वाली भर्ती पर रोक लगाते हुए, प्रारंभिक परीक्षा में सफल उन अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर करने का निर्देश दिया जो संशोधित भर्ती नियमों के तहत 3 साल की प्रैक्टिस वाली पात्रता को पूरा नहीं करते हैं। शीर्ष न्यायालय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसकी खंडपीठ द्वारा 13 जून, 2024 को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने 14 जनवरी, 2024 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में उन सभी सफल अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर करने का निर्देश दिया था जो संशोधित नियमों के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे।

Share:

  • MP: कंप्यूटर बाबा का गौरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना, बोले- यहां गायों की हालत कुत्तों से भी बदतर

    Wed Sep 24 , 2025
    इंदौर। ‘कम्प्यूटर बाबा’ (‘Computer Baba’) के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार्मिक नेता नामदेव दास त्यागी (Namdev Das Tyagi) ने मंगलवार को गौरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार को निशाने पर लिया और दावा किया कि राज्य में गायों की हालत कुत्तों से भी बदतर हो गई है। इंदौर में एक संवाददाता […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved