
छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर (Chhatarpur) में आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष (Azad Samaj Party National President) एवं भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) पर हुए जानलेवा हमले के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ रासुका की कार्रवाई किए जाने के चलते भीम आर्मी ने आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश और देश की BJP सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
यह रैली नगरपालिका और जिला पंचायत के सामने मेला ग्राउंड से शुरू होकर नगरपालिका छत्रसाल चौराहा, जिला अस्पताल, आकाशवाणी तिराहा, आकाशवाणी होते हुए SP आफिस के सामने से कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां तकरीबन 20 मिनट तक कलेक्ट्रेट गेट के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन किया और कलेक्टर को बुलाने और उन्हें ही ज्ञापन देने की मांग करते रहे। कोतवाली टीआई अरविंद दांगी के समझाने पर SDM को ज्ञापन देने को राजी हुए। जहां SDM बलबीर रमन ने आकर उनका ज्ञापन सुना और लिया।
इस दौरान भीम आर्मी के लोग आकाशवाणी तिराहे नेशनल हाइवे पर रैली के तौर पर एकत्रित होकर खड़े हो गए और जाम लगाने का प्रयास किया, जिन्हें सिटी कोतवाली टीआई अरविंद दांगी, सिविल लाइन टीआई कमलेश साहू और ओरछा रोड थाना टीआई अभिषेक चौबे के प्रयासों से जाम लगाने से रोका गया।
बताते चलें, उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के देवबंद में मनुवादी सोच रखने वाले कुछ अज्ञात हमलावरों ने आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भीम आर्मी संस्थापक आदरणीय चंद्रशेखर आज़ाद पर सुनियोजित जानलेवा हमला किया गया था। इसके विरोध में यह आंदोलन किया और ज्ञापन दिया गया है।
भीम आर्मी की माने तो वे चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इस मांग पत्र के माध्यम से उन्होंने निवेदन किया है कि मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत संज्ञान में लें और मामले में दोषी अभियुक्तों को तुरंत गिरफ्तार करें और सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करें। दोषियों के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाए। साथ ही चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा को पुख्ता करते हुए उन्हें स्पेशल जेड सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
ये है मांगें: घटना के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ रासुका की कार्रवाई अमल में लाई जाए। चंद्रशेखर आजाद को गृह मंत्रालय से स्पेशल जेड सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलाई जाए।
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