
खंडवा। बुरहानपुर (Burhanpur) के 10 वर्ष के कृष्णा ने खेल-खेल में घड़ी का सेल गले में निगल लिया, जो उसके गले के निचले हिस्से में फंस गया जिससे उसे बेचैनी, दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी और वह बेहोश हो गया। इसके बाद उसके माता-पिता घबराकर उसे तुरंत खण्डवा के जिला अस्पताल सह शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय लेकर आए।
यहां नाक कान गला रोग विभाग में बच्चे का एक्स-रे किया गया, तो पता चला कि घड़ी का एक सेल आहार नली के निचले भाग में फंस गया है। नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील बाजोलिया एवं उनकी टीम ने दूरबीन पद्धति से सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर कृष्णा के गले से सेल को बाहर निकाला और उसकी जान बचाई। ये ऑपरेशन करीब 15 मिनट तक चला।
डॉक्टर सुनील बाजोलिया ने बताया कि हमारे पास एक कृष्णा नाम का बच्चा इमरजेंसी में आया था। बच्चे ने घड़ी का सेल गले में निगल लिया था । बैटरी के सेल में मौजूद रसायन शरीर के ऊतकों को गला सकता था, जिससे बच्चे की जान को खतरा हो सकता था। जिला अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने सही समय पर जटिल ऑपरेशन कर बच्चे की जान बचाई। बच्चा कृष्णा अब पूरी तरह से स्वस्थ है और अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। गले से अब वह सब कुछ खा रहा है अब कोई दिक्कत नहीं है।
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